पंजाब के मुख्य गेंदबाज रवि बिश्नोई |
उनकी तरह मैं भी लेग स्पिनर हूं। दबाव में किस तरह गेंदबाजी करनी है, उसके बारे में बताया। फ्लिपर पर भी उनके साथ काफी मेहनत की है। खिलाड़ी के लिए आईपीएल बड़ा मंच है। यहां अच्छा करने से पहचान बनती है। मैं कोशिश कर रहा हूं कि यहां अपना 100 प्रतिशत दूं।
आईपीएल में कई बड़े बल्लेबाजों के विकेट लिए हैं। सामने बड़ा बल्लेबाज होने से क्या अतिरिक्त दबाव रहता है?
मैं यह सोचकर बॉलिंग नहीं करता कि सामने कौन है। यह सच है कि आईपीएल में आपको दुनिया के बेस्ट बल्लेबाजों को गेंदबाजी करने का मौका मिलता है, जिससे आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
आप अराउंड द विकेट और ओवर द विकेट दोनों तरफ से गेंदबाजी कर रहे हैं। इसका क्या कारण है?
मैंने अंडर-19 में एक बार ऐसे बॉलिंग की थी। फिर मेरे कोच शाहरुख (पठान) और प्रद्योत (सरेचान) ने मुझे इसकी काफी प्रैक्टिस कराई। यूएई में भी कुंबले सर ने नेट्स में इस पर काफी मेहनत की। उन्होंने कहा कि तुम कर सकते हो। मैं टीम में सबसे छोटा हूं। इसलिए मुझे तो सभी बहुत सपोर्ट करते हैं। हंसी-मजाक सभी करते हैं लेकिन यूनिवर्स बॉस (क्रिस गेल) का जवाब नहीं।
टीम अच्छा कर रही है। लेकिन बहुत अच्छे रिजल्ट नहीं आ रहे। ऐसे में ड्रेसिंग रूम का माहौल कैसा रहता है?
अच्छा करके हारते हैं, तो ड्रेसिंग रूम में निराशा का माहौल नहीं होता। कोच कुंबले, कप्तान राहुल और मैनेजमेंट का मुझ पर विश्वास है। मेरी पूरी कोशिश होती है कि मैं विश्वास पर खरा उतरूं और अपना बेस्ट दूं।
अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने और आईपीएल में खेलने में क्या फर्क महसूस करते हो?
फर्क सिर्फ इतना है कि आईपीएल में गलती की तो वापसी की संभावना कम होती है। सिर्फ 4 ओवर ही होते हैं। अंडर-19 वर्ल्ड कप में सभी युवा खिलाड़ी होते हैं। 50 ओवर का मैच होता है। एक ओवर ठीक नहीं भी हुआ तो वापसी की संभावना होती है।
गावस्कर ने भी आपकी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इतना ज्यादा रनअप वाला लेग स्पिनर नहीं देखा?
पहले मैं मीडियम पेस करता था। बाद में कोचों ने कहा कि स्पिन गेंदबाजी करो। लंबे रनअप की आदत वहीं से पड़ी। मेरे लिए इसे बदलना भी संभव नहीं होगा।
पहली बार आईपीएल खेल रहे हैं। फैंस नहीं है, क्या इससे निराश हैं?
हां, इस चीज को तो मैं जरूर मिस कर रहा हूं। सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान के दर्शकों के सामने खेलने का मजा ही कुछ और होता।
राजस्थान के अंडर-19 के ट्रायल में पहले ही दिन बाहर कर दिया था?
तीन साल से मैं लगातार ट्रायल के लिए आ रहा था। हर बार बाहर हो जाता। 2017 मैं भी पहले ही दिन बाहर हो गया। बाहर आकर रोने लगा। पिता भी गुस्से में थे। उन्होंने मेरे कोच शाहरुख और प्रद्योत से कहां, नहीं खिलाना मुझे इसे क्रिकेट। तब दोनों कोच ने सिलेक्टर से बात की। मुझे अगले दिन फिर से ट्रायल के लिए बुलाया गया और मैं सिलेक्ट हुआ। उस दिन सिलेक्ट नहीं होता तो आज यहां तक नहीं पहुंचता।