दो देशों का झगड़ा हो, कोई विवाद हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर से जुड़ा कोई मुद्दा, हर समाधान यूनाइटेड नेशंस (UN) के पास है। 24 अक्टूबर 1945 को बना UN आज 75 साल का हो रहा है। UN के मुख्य अंग हैं- जनरल असेंबली, सिक्योरिटी काउंसिल, इकोनॉमिक एंड सोशल काउंसिल, ट्रस्टीशिप काउंसिल, इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस और यूएन सेक्रेटेरिएट। यह सभी UN के साथ ही 1945 में बने थे।
पहले विश्वयुद्ध के बाद 1929 में राष्ट्र संघ बना था। लेकिन, वह दूसरा विश्वयुद्ध रोकने में नाकाम रहा तो 1946 में भंग कर दिया गया। 1944 में अमेरिका, ब्रिटेन, रूस और चीन के बीच ग्लोबल ऑर्गेनाइजेशन बनाने पर सहमति बनी। 1945 में 50 देशों के प्रतिनिधियों में बातचीत हुई और 24 अक्टूबर 1945 को यूनाइटेड नेशंस की स्थापना हुई।
आज UN का हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क में है। इसके 193 सदस्य देश हैं। देशों के स्वतंत्र होने और पूर्व सोवियत संघ के टूटने के बाद सदस्य बढ़ते रहे। फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गेनाइजेशन, इंटरनेशनल लेबर ऑर्गेनाइजेशन, यूनेस्को, यूनिसेफ, विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसी संस्थाएं यूएन से जुड़ी हैं।
भारत से नाताः यूनाइटेड नेशंस से भारत को अब तक कुछ ज्यादा लाभ नहीं हुआ है। 1948 में जम्मू-कश्मीर से जुड़ी समस्या हो या 1971 में पूर्वी पाकिस्तान का संकट, भारत की मांगों की अनदेखी हुई है। योगदान के आधार पर भारत लंबे समय से UN की संरचना में बदलाव और सिक्योरिटी काउंसिल में वीटो पॉवर के साथ स्थायी सदस्यता की दावेदारी कर रहा है।
74 साल पहले अंतरिक्ष से पृथ्वी की पहली तस्वीर
24 अक्टूबर 1946 को अमेरिका के न्यू मैक्सिको में व्हाइट सैंड्स मिसाइल रेंज से दागे गए रॉकेट ने जमीन से 105 किमी ऊपर यह तस्वीर ली थी। यह रॉकेट जर्मन V2 था, जिसे दूसरे विश्वयुद्ध के खत्म होने पर अमेरिका ने उससे छीन लिया था। नाजी रॉकेट प्रोग्राम के सैकड़ों वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने अमेरिकी और रूसी अंतरिक्ष प्रोग्राम्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
युद्ध के दौरान V2 रॉकेट ने लंदन और अन्य शहरों पर दहशत बरसाई थी, लेकिन शांतिकाल में इसकी विस्फोटक सामग्री को निकालकर उसकी जगह साइंटिफिक इंस्ट्रूमेंट्स लगाए गए थे। इसमें 35mm मोशन-पिक्चर कैमरा लगा था, जो हर डेढ़ सेकंड में एक तस्वीर खींच रहा था।
अमेरिका में ‘मदर ऑफ सिविल राइट्स मूवमेंट’ का निधन
अफ्रीकी-अमेरिकी सिविल राइट्स एक्टिविस्ट रोजा पार्क्स ने 1955 में एक गोरे को बस में सीट देने से इनकार कर दिया था और यह अमेरिका में सिविल राइट्स मूवमेंट की चिंगारी बना था। 1 दिसंबर 1955 को उन्हें शहर के नस्लभेदी कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। इसके बाद मार्टिन लूथर किंग के नेतृत्व में एक पब्लिक मूवमेंट शुरू हुआ, जिससे न केवल अमेरिका में नस्लभेदी कानूनों को रद्द करना पड़ा, बल्कि मार्टिन लूथर किंग ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शोहरत हासिल की। इस सफल कैम्पेन की चिंगारी बनने के लिए रोजा पार्क्स को मदर ऑफ द सिविल राइट्स मूवमेंट भी कहा जाता है। 2005 में 24 अक्टूबर को रोजा पार्क्स की 92 वर्ष की उम्र में मौत हो गई।
आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता हैः
- 1577: चौथे सिख गुरु रामदास ने अमृतसर शहर की स्थापना की, शहर का नाम तालाब अमृत सरोवर के नाम पर रखा गया।
- 1579: जुसुइट पादरी एसजे थामस भारत आने वाले पहले अंग्रेज थे। वह पुर्तगाली नौका से गोवा पहुंचे।
- 1605: मुगल शासक जहांगीर ने आगरा में गद्दी संभाली।
- 1851: कलकत्ता और डायमंड हार्बर के बीच पहली टेलीग्राफ लाइन शुरू हुई।
- 1856: दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया ने संविधान को मान्यता दी।
- 1861ः कैलिफोर्निया के जस्टिस स्टीफन जे फील्ड ने अमेरिकी राष्ट्रपति लिंकन को पहला अंतरमहाद्वीपीय टेलीग्राफ संदेश भेजा।
- 1912ः प्रथम बाल्कन युद्ध-सर्बियाई सेनाओं ने वरदार मैसेडोनिया में कुमानोवो की लड़ाई में तुर्क सेना को हराया।
- 1915ः अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क में 25 हजार महिलाओं ने मतदान के अधिकार के लिए प्रदर्शन किया।
- 1975ः बंधुआ मजदूर प्रथा को समाप्त करने अध्यादेश लाया गया और अगले दिन से यह प्रभाव में आया।
- 2004ः ब्राजील ने अंतरिक्ष में पहला सफल रॉकेट परीक्षण किया।
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