एपल के संस्थापक और महान इनोवेटर स्टीव जॉब्स को कैंसर ने हराया; जेम्स बॉन्ड पहली बार आया परदे पर; अमेरिकी राष्ट्रपति का भाषण पहली बार टीवी पर टेलीकास्ट हुआ

आईफोन, आईपॉड, आईपैड और मैक जैसे प्रोडक्ट्स के जरिए दुनियाभर में इनोवेशन के लिए प्रसिद्धि पाने वाले स्टीव जॉब्स की मौत पैन्क्रियाटिक कैंसर की वजह से 5 अक्टूबर 2011 को हुई थी। उनकी जिंदगी से जुड़ी कई कहानियां ऐसी हैं, जो युवाओं सहित हर एक को प्रेरित करती हैं। उन्होंने 12 जून 2005 को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के प्रोग्राम में जो कहा, उसके प्रमुख अंश इस प्रकार हैं-

जॉब्स ने कहा- मुझे कॉलेज से निकाला गया था। दरअसल, मेरी मां कॉलेज स्टूडेंट थी और उनकी शादी भी नहीं हुई थी। मेरे जन्म से पहले ही मां ने तय कर लिया था कि मुझे एक ग्रेजुएट दंपती को गोद देंगी। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। मेरी मां शुरू में गोद देने के खिलाफ थी, लेकिन बाद में राजी हो गई। शर्त यह थी कि मुझे कॉलेज में भेजा जाएगा। लेकिन, मैंने कॉलेज से ड्रॉप ले लिया। आज पीछे देखता हूं, तो मुझे लगता है कि मेरा निर्णय सही था।

उन्होंने कहा- मैं लकी रहा कि जो करना चाहता था, वह सब मैं कर सका। गैरेज में एपल शुरू किया, तो उस समय मैं सिर्फ 20 साल का था। 10 साल में एपल ऊंचाई पर था। दो लोगों से शुरू हुई कंपनी दो बिलियन लोगों तक पहुंची और 4000 कर्मचारी थे। हमने मेकिंटोश लॉन्च किया। भविष्य को लेकर हमारा विजन फेल हो गया था। 30 साल की उम्र में मुझे कंपनी से निकाल दिया गया था। जॉब्स कहते थे कि उन्होंने 17 साल की उम्र में एक कोटेशन पढ़ा था- आप हर दिन यह सोचकर जियो कि आज आखिरी दिन है। इसने उन्हें खूब प्रभावित किया। 33 साल तक वे रोज सुबह आईने में चेहरा देखते और सोचते कि आज आखिरी दिन है। इसने मुझे वह करने को प्रेरित किया, जो मुझे करना था।

1962: जेम्स बॉन्ड पहली बार परदे पर उतरा

जेम्स बॉन्ड पर बनी पहली फिल्म का पोस्टर।

काल्पनिक चरित्र ब्रिटिश जासूस जेम्स बॉन्ड जिसे कोड नेम 007 से भी जाना जाता है, पहली बार 1962 में बड़ी स्क्रीन पर नजर आया। ब्रिटिश जासूसी एजेंसी MI6 के लिए काम करने वाले जेम्स बॉन्ड का चरित्र इयान फ्लेमिंग के नॉवेल से लिया गया। शुरुआती फिल्में फ्लेमिंग के नॉवेल और शॉर्ट स्टोरीज पर आधारित थीं। यह फ्रेंचाइज इतिहास में सबसे लंबे समय तक लगातार चलने वाली फिल्म सीरीज में से एक बना हुआ है, जो 1962 से लेकर 2010 तक लगातार बनती रहीं। पहली फिल्म सीन कॉनरी को जेम्स बॉन्ड के तौर पर देखा गया था।

1947: अमेरिका में प्रेसिडेंट ने टीवी के जरिए दिया भाषण

प्रेसिडेंट हैरी ट्रूमैन (बाएं) और प्रेसिडेंट्स सिटीजंस फूड कमेटी चेयरमैन चार्ल्स लकमैन 5 अक्टूबर 1947
को टीवी कैमरा के सामने खड़े दिख रहे हैं।

अमेरिका के 33वें राष्ट्रपति हैरी ट्रूमैन ने टीवी के जरिए लोगों को भाषण दिया था। उन्होंने कहा था कि यूरोप दूसरे विश्वयुद्ध के दुष्परिणामों का सामना कर रहा है और इस वजह से अनाज का इस्तेमाल कम करें। उन्होंने लोगों से मंगलवार को मांस न खाने, गुरुवार को अंडे और पोल्ट्री से परहेज करने और रोज एक स्लाइस ब्रेड कम खाने की अपील की थी।

आज की तारीख को इन घटनाओं के लिए भी याद किया जाता है-

  • 1524ः भारतीय इतिहास की प्रसिद्ध वीरांगना रानियों में से एक रानी दुर्गावती का जन्म हुआ।
  • 1676: ईस्ट इंडिया कंपनी को इंग्लैंड के राजा से मुंबई में भारतीय मुद्रा ढालने का अधिकार मिला।
  • 1789ः फ्रांस की क्रांति के दौरान पेरिस की महिलाओं ने वर्सेलिस तक मार्च किया।
  • 1793: फ्रांसीसी क्रांति के दौरान फ्रांस में ईसाई धर्म विस्थापित हुआ।
  • 1796ः स्पेन ने इंग्लैंड के खिलाफ़ युद्ध की घोषणा की।
  • 1864: सिनेमेटोग्राफर का पेटेंट कराने वाले लुइस ज्‍यां ल्‍यूमियरे का जन्म हुआ।
  • 1880: अलोंजो टी क्रॉस ने पहले बॉल प्वाइंट पेन का पेटेंट कराया।
  • 1910ः पुर्तगाल में राजशाही खत्म हो गई और गणतंत्र की स्थापना हुई।
  • 1915: बुल्गारिया ने प्रथम विश्व युद्ध में हिस्सा लिया।
  • 1944: फ्रांस में महिलाओं को मताधिकार मिला।
  • 1988ः ब्राजील की संविधान सभा ने संविधान को मंजूरी दी।
  • 1989: मीरा साहिब बीवी 1989 में सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज बनी।
  • 1989ः तिब्बत के 14वें दलाई लामा तेनजिन ग्यात्सो को मानवाधिकारों के क्षेत्र में कार्य के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला।
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