
सरकार ने 4 जून को इस विषय में विचार के लिए जया जेटली की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन भी कर दिया था। पीएम मोदी ने शुक्रवार को अपने संबोधन में भी कहा कि टास्क फोर्स की रिपोर्ट आते ही सरकार इस विषय में निर्णय लेगी। भास्कर को मिली जानकारी के मुताबिक टास्क फोर्स अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुकी है और जल्द ही सरकार को सौंपने वाली है।
अभी लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 18 वर्ष और लड़कों के लिए 21 वर्ष है। सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली हाई कोर्ट पूछ चुके हैं कि लड़के और लड़की की शादी की न्यूनतम उम्र में फर्क क्यों है। टास्क फोर्स ने भी लड़कियों के लिए विवाह की न्यूनतम उम्र में बदलाव की सिफारिश की है। यदि यह सिफारिशें लागू होती हैं तो 42 वर्ष बाद विवाह की उम्र बदलेगी।
टास्क फोर्स के समक्ष विचार के लिए आए बिंदुओं में यह भी शामिल था कि यह बदलाव सभी वर्गों और धर्मों पर समान रूप से लागू हो और साथ ही यौन हिंसा कानून के उस हिस्से को बदला जाए जिसके तहत यदि पति 18 वर्ष से कम उम्र की लड़की से संबंध बनाए तो वह बलात्कार की श्रेणी में नहीं आता।
टास्क फोर्स से जुड़े सूत्रों के मुताबिक इन सभी बिंदुओं पर विचार के बाद सिफारिशें तय कर ली गई हैं। सरकार का इरादा देश में मातृत्व मृत्यु दर घटाने और लड़कियों के पोषण की स्थिति सुधारने का है। इस सुधार से किसी वर्ग को बाहर नहीं रखा जा सकता।
टास्कफोर्स ने अपनी सिफारिशों को लागू करने के लिए एक विस्तृत रोल आउट प्लान सुझाया है, जिसमें हर सिफारिश के लिए टाइमलाइन भी दी गई है। टास्कफोर्स ने उन कानूनों और सहायक कानूनों का ब्योरा दिया है जिनमें परिवर्तन करने होंगे।