नाले में ले जाकर बच्ची के कपड़े उतारे, रोने लगी तो बार-बार पत्थरों पर पटका, दुष्कर्म किया; खून में सनी बच्ची को बाइक पर बैठाया और पार्क में फेंक गया https://ift.tt/3iTmRK8

रुह को झकझोर देने वाली यह कहानी जयपुर के शास्त्री नगर इलाके में रहने वाली सात साल की उस मासूम बच्ची की है, जो अकेले घर से करीब 50 कदम दूर एक दुकान पर टॉफी लेने गई थी। जब वो मासूम वापस अपने घर लौट रही थी, तभी एक साइको रेपिस्ट उसे पापा का दोस्त बताकर अपने साथ बाइक पर बैठाकर ले गया। फिर एक नाले में ले जाकर दरिंदे ने बच्ची के कपड़े उतारे। जब बच्ची रोने लगी तो उसे उठाकर बार-बार पत्थरों पर पटका। बच्ची चुप नहीं हुई तो उसका गला दबाया। बच्ची के आंसू और चीख से भी उस दरिंदे का दिल नहीं पिघला।

उसने बच्ची के दुष्कर्म किया और उसके बदन को नोच खाया। इसके बाद खून से लथपथ इस बच्ची को बाइक पर बैठाया और उसके घर से करीब आधा किलोमीटर दूर एक पार्क के बाहर पेड़ के नीचे फेंककर भाग निकला।

दुष्कर्म की यह वारदात 1 जुलाई को 2019 को शाम करीब 7:30 बजे हुई। इस केस में बच्ची को अभी इंसाफ मिलना बाकी है। कोर्ट में चल रही तारीख पेशी और गवाही के बीच इस बच्ची के जिस्म के जख्म भले ही ठीक हो गए हो। लेकिन, उसके जेहन में दुष्कर्म के दर्द की लकीरें गहरी हो गई हैं। आज भी यह मासूम बच्ची रात के वक्त कभी भी उठकर रोने लग जाती है। चीखने-चिल्लाने लग जाती है।

पांच भाई-बहनों में सबसे छोटी जो बच्ची कभी अपने भाई-बहनों के साथ कमरे में सो जाती थी, आज अपनी मां के बगैर नहीं सो पाती है। उसके साथ जब से दुष्कर्म की वारदात हुई, तब से वह अपनी मां के पास एक अलग कमरे में सोती है।

आरोपी जीवाणु मासूम बच्ची को घर के बाहर से बाइक पर बैठाकर ले गया था और फिर उसने उसके साथ रेप किया।

बच्ची के पिता कहते हैं, ‘मैं लाखों कोशिश करता हूं। मेरी बच्ची जो भी मांगती है, मैं वो चीज कैसे भी उसे लाकर देता हूं। चाहता हूं कि वो उस दरिंदगी की घटना को भूल जाए, लेकिन वो भूल नहीं पाती है। पूछने पर बताती है कि पापा, मुझे वही चीज नजर आती है, मुझे उठा-उठाकर पत्थरों पर पटकना। बुरी तरह थप्पड़ मारना। गला दबाना। इस तरह जुल्म करना। बार-बार इस मासूम बच्ची के दिमाग में दुष्कर्म के दरिंदे जीवाणु का चेहरा आ जाता है।’

‘मैं अपनी बेटी को अकेला नहीं छोड़ता हूं। अभी स्कूल बंद हैं। उर्दू, अरबी की पढ़ाई होती है तो मैं उसे कहीं बाहर अकेला पढ़ने नहीं भेजता हूं। मैं उसे अपने साथ मस्जिद लेकर जाता हूं। रात करीब 8:30 बजे साथ वापस घर लेकर आता हूं। रास्ते में ये जो भी चीज मांगती है, चाहे वो 100 रुपए की हो या फिर 500 रुपए की। मैं इसे दिलाता हूं। बस इसी उम्मीद के साथ कि इसके जेहन से वो दर्दनाक बात निकल जाए।’

बच्ची कोर्ट से लौटने पर पूछती है- पापा आज क्या हुआ, उसे सजा मिली क्या

बच्ची के पिता रुंधे हुए गले से बताते हैं- आज भी मैं जब कोर्ट में तारीख से लौटकर घर आता हूं तो बच्ची दौड़कर मेरे पास आती है। फिर पूछने लगती है, पापा आज क्या हुआ? उसको सजा मिली क्या?

आज भी बच्ची के पिता के पास उनका केस लड़ रहे वकील साहब का फोन आया तो बातचीत सुनकर आ गई। पूछने लगी-पापा किसका फोन था। पिता ने कहा, बेटा वकील साहब का फोन था। तो फिर सवाल पूछा कि वो क्या कह रहे थे। पिता ने कहा कि 15 अक्टूबर की तारीख है। सुबह 10 बजे कोर्ट बुलाया है।

पिता कहते हैं- मैं मेरी बेटी को कोर्ट में चल रही सुनवाई की सभी जानकारी देता हूं। उसे हिम्मत देता हूं कि बेटा उसे सजा जरूर होगी। कानून पर मुझे पूरा भरोसा है। उसे फांसी की सजा दी जाएगी। मुझे कानून पर यकीन है कि फैसला मेरी बच्ची के हक में होगा।

पिता बताते हैं कि जब वे जीवाणु की गिरफ्तारी के बाद जेल में उसकी शिनाख्त परेड में गए। तब उन्हें एक कमरे में बैठा दिया गया। एक महिला पुलिस अफसर उनकी बेटी को लेकर जेल के एक कमरे में लेकर गई। तब बच्ची ने चेहरा ढंक रखा था। जहां करीब 15-20 लोगों को लाइन में खड़ा गया था। उनके बीच जीवाणु भी मौजूद था। मजिस्ट्रेट के समक्ष चल रही शिनाख्त परेड में बच्ची ने देखते ही जीवाणु को पहचाने हुए कहा था कि यही वो आदमी है, जिसने गलत काम किया था।

घटना के छह दिन बाद 7 जुलाई को पुलिस ने जीवाणु को कोटा से गिरफ्तार किया था।

लॉकडाउन से पहले 36 गवाहों के बयान पूरे हुए, अब 15 अक्टूबर से दोबारा सुनवाई

शास्त्री नगर इलाके में पिछले साल बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म के आरोपी सिकंदर उर्फ जीवाणु उर्फ जावेद के खिलाफ केस में महानगर की पॉस्को मामलों की विशेष कोर्ट-6 में गवाहों के बयान मार्च माह में पूरे हो गए थे। विशेष लोक अभियोजक महावीर सिंह किशनावत ने बताया कि अभियोजन की ओर से इस केस में 36 गवाहों के बयान दर्ज कराए।

इस मामले में पुलिस ने जीवाणु के खिलाफ 31 जुलाई 2019 को अपहरण, मारपीट, दुष्कर्म, कुकर्म व पॉस्को एक्ट सहित आर्म्स एक्ट में चालान पेश किया था। पुलिस ने जीवाणु को 7 जुलाई को कोटा से गिरफ्तार किया था। 22 मार्च को लॉकडाउन की वजह से तारीख पेशी बंद हो गई, अब 15 अक्टूबर को फिर से गवाहों के बयान शुरू होंगे। पूरी कोशिश है कि जल्द ही जीवाणु को कड़ी सजा सुनाई जाए।

घटना के बाद से शहर में तनाव की स्थिति बन गई थी, पुलिस ने 5 दिनों तक 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कराया था।

पथराव में करीब 100 वाहनों के शीशे तोड़े गए, पांच दिन 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट बंद रहा था

बच्ची की दुष्कर्म की घटना के बाद से तनाव फैल गया था। पुलिस को यहां 2 जुलाई से 6 जुलाई तक 13 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट भी बंद करना पड़ा था। इस घटना से 8 दिन पहले 22 जुलाई को भी इसी इलाके की 4 साल की बच्ची से दुष्कर्म हुआ था। दोनों घटनाओं के कारण तनाव ज्यादा बढ़ गया।

घटना से गुस्साए सैकड़ों लोगों ने रात को कांवटिया सर्किल पर प्रदर्शन किया था। इसके बाद प्रदर्शनकारियों के घर लौटते वक्त कुछ उपद्रवी युवकों ने आसपास की कॉलोनियों में सड़क पर खड़े करीब 100 वाहनों के शीशे फोड़ डाले। तोड़फोड़ के वक्त कॉलोनी के लोग घरों से बाहर निकले। तब उनसे मारपीट भी की। इससे इलाके में तनाव हो गया और मामला दो समुदायों के बीच हो गया। इसको सांप्रदायिक रंग देने की कोशिश की गई।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
The seven-year-old girl still wakes up at midnight due to the pain of rape, starts screaming, asks her father - has she been punished?


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/315wE9G
Previous Post Next Post