जिन शहरों में हवा खराब है, वहां नहीं दगा सकेंगे पटाखे; जानिए क्रैकर्स सेहत के लिए कितने खतरनाक हैं https://ift.tt/36usw5g

14 नवंबर यानी शनिवार को दिवाली है। लेकिन इससे पहले कई शहरों में पॉल्युशन के चलते हवा खराब हो गई है, आसमान में धुंध छाई हुई है। इसी के चलते नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने दिल्ली समेत पूरे NCR में पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। यह बैन 30 नवंबर तक रहेगा।

NGT के अलावा अलग-अलग राज्य सरकारों ने भी अपने-अपने स्तर पर पटाखे चलाने पर रोक लगाई है। ऐसे में कुछ अहम बातों का ध्यान जरूर रखें। जैसे- पटाखे दगाने की क्या छूट है? पटाखे कैसे दगाएं? अपनी हेल्थ का ध्यान कैसे रखें? बारूद वाले पटाखे की बजाय क्या ग्रीन क्रैकर्स बेहतर होते हैं?

दिवाली के अगले दो से तीन दिन तक हवा खराब रहती है

आईआईटी कानपुर में सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट में प्रोफेसर एसएन त्रिपाठी कहते हैं कि हमने दिवाली के दौरान पटाखे जलाने से होने वाले पॉल्युशन को लेकर एक्सपेरीमेंट किया था। इसमें पाया था कि दिवाली के दिन पटाखे दगाने से दो से तीन दिन तक हवा खराब रहती है। इस दौरान पर्टिकुलेट मैटर बढ़ जाता है।

NGT का क्या है आदेश?

NGT का यह आदेश देश के उन सभी कस्बों और शहरों में भी लागू होगा, जहां पिछले साल नवंबर में हवा की क्वालिटी का लेवल पूअर या इससे ऊपर की कैटेगरी तक चला गया था। NGT का कहना है कि पटाखे खुशियां सेलिब्रेट करने के लिए चलाए जाते हैं, मौतों और बीमारियों के लिए नहीं।

खराब हवा और पटाखे दगाने का सेहत पर कितना असर पड़ता है?

एम्स दिल्ली में रुमेटोलॉजी डिपार्टमेंट की हेड डॉक्टर उमा कुमार बताती हैं कि पटाखे दगाने से पॉल्युशन के सभी साइड इफेक्ट्स होते हैं। इसमें सांस की बीमारी, आंखों में जलन, एलर्जी, सुनने की क्षमता कम होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। बर्न इंजरी का भी खतरा रहता है।

तेज आवाज वाले पटाखों से बहुत से लोगों में डर भी पैदा होने का खतरा रहता है। खासकर छोटे बच्चों में। पटाखों की आवाज से इंसान के साथ जानवर भी परेशान होते हैं।

पटाखे जलाने से एक बार जो पॉल्युशन होता है वह तुरंत खत्म नहीं होता है। इसका असर कई दिनों तक रहता है। अभी तो ठंड है और पॉल्युशन का लेवल पहले से ही ज्यादा है।

सुप्रीम कोर्ट ने क्या आदेश जारी किया था?

एक्सपर्ट्स ग्रीन क्रैकर्स (हरित पटाखे) चलाने की सलाह देते हैं। अक्टूबर 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह पाबंदी लगाने से इनकार करते हुए 'सुरक्षित और ग्रीन' पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल की छूट दी थी।

ग्रीन पटाखे क्या हैं?

2018 से सुप्रीम कोर्ट ने ग्रीन पटाखे की परिभाषा बताई थी। इसके मुताबिक- ग्रीन पटाखों में राख के इस्तेमाल से बचा जाए, ताकि 15-20% तक पर्टिकुलेट मैटर कम हो, कम धुआं हो और 30-35% प्रदूषक कम हों।

ऐसा करने से नाइट्रोजन आक्साइड (NOx) और सल्फर डाईऑक्साइड (SO2) में काफी कमी आती है। इसके अलावा पटाखों में सीसा, पारा, लीथियम, आर्सेनिक और एंटीमनी जैसे कोई भी प्रतिबंधित केमिकल इस्तेमाल न किए जाएं।

क्या ग्रीन पटाखों से हवा प्रदूषित नहीं होती?

प्रोफेसर एसएन त्रिपाठी कहते हैं कि ग्रीन पटाखे में पॉल्युशन कम होता है। लेकिन ये कितना कम होता है, ये नहीं मालूम है।

क्या ग्रीन पटाखों से सेहत को नुकसान होता है?

डॉक्टर उमा कहती है कि यदि पटाखे में धुंआ निकल रहा है तो यह बिल्कुल खतरनाक है। ये भले हो सकता है कि इसमें टॉक्सिन का लेवल कम हो। धुंआ वाले पटाखों का लोगों की सेहत पर असर पड़ना तय है।
क्या आपके शहर में पटाखे चलाने की छूट मिलेगी?
अगर आपके शहर में नवंबर 2019 में हवा की क्वालिटी मॉडरेट यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 51-100 के बीच था, तो प्रदूषण रहित पटाखे बेचे और चलाए जा सकते हैं। लेकिन दिवाली और छठ पर सिर्फ 2 घंटे की छूट मिलेगी।
2 घंटे का वक्त कौन सा होगा?
यह 2 घंटे राज्य सरकारों की तरफ से तय समय के मुताबिक होंगे। अगर राज्यों की तरफ से कोई समय तय नहीं किया गया तो दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक छूट रहेगी।
हवा की कैटेगरी कैसे तय की जाती है?
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हवा की क्वालिटी बताता है। इसमें बताया जाता है कि वातावरण में मौजूद हवा में किन गैसों की कितनी मात्रा घुली हुई है। इस इंडेक्स में 6 कैटेगरी बनाई गई हैं।


कौन से राज्य अब तक पटाखे चलाने पर प्रतिबंध लगा चुके हैं?

  • राजस्थान में कोरोना के चलते फेस्टिवल सीजन के दौरान पटाखों की बिक्री और इनको चलाने पर पाबंदी लगाई गई है।
  • दिल्ली सरकार ने 7 नवंबर से 30 नवंबर तक सभी तरह के पटाखों पर पाबंदी लगाने की घोषणा की है, इनमें ग्रीन पटाखे भी शामिल हैं।
  • ओडिशा में 10 नवंबर से 30 नवंबर तक पटाखे चलाने पर पाबंदी है।
  • पश्चिम बंगाल में इस बार काली पूजा, दिवाली और छठ के दौरान पटाखे बेचने और जलाने पर पाबंदी लगाई गई है।
  • NGT ने 4 अक्टूबर को 23 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 122 शहरों की ओर इशारा करते हुए कहा था कि यहां लगातार हवा खराब हो रही है।

किन बड़े शहरों में हवा खराब है?
दिल्ली, वाराणसी, भोपाल, कोलकाता, नोएडा, मुजफ्फरपुर, मुंबई, जम्मू, लुधियाना, पटियाला, गाजियाबाद, वाराणसी, कोलकाता, पटना, गया, चंडीगढ़ शामिल हैं।



आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Diwali Firecrackers Ban In India 2020; What Are The Harmful Effects Of Crackers? Know Everything About


from Dainik Bhaskar https://ift.tt/38CqeUc
Previous Post Next Post