नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) से ग्रेजुएट प्रेरणा एक इंटीरियर डिजाइनिंग कंसल्टेंट के रूप में काम कर रही थी। लेकिन, लॉकडाउन में परिवार के साथ समय बिताने के लिए उन्होंने काम करना बंद कर दिया। इसी दौरान उनके 12 साल के बेटे ने आइसक्रीम खाने की जिद की। कोरोना के डर की वजह से वे बाहर जा नहीं सकती थी।
फिर उन्होंने इंटरनेट की मदद से घर पर ही आइसक्रीम बनाना सीखा। आइसक्रीम बेटे के साथ-साथ उनके रिश्तेदारों को भी काफी पसंद आई। कई लोगों ने उन्हें इसे प्रोफेशनली बनाने की सलाह दी। इसके बाद जून-जुलाई में प्रेरणा ने इसे मार्केट में सप्लाई करने का फैसला किया। आज दिल्ली और महाराष्ट्र में उनके सैकड़ों ग्राहक हैं। 3-4 महीनों में ही 8 लाख से ज्यादा का उनका कारोबार हो गया है।
41 साल की प्रेरणा बताती हैं, 'अप्रैल- मई में मैंने बेटे की डिमांड पूरी करने के लिए इंटरनेट पर सर्चिंग शुरू की थी। पहले लगा कि ये मुश्किल है, शायद ही मैं बना पाऊं। क्योंकि इसे बनाने के लिए जो चीजें लगती थीं, उन्हें तब मार्केट से लाना आसान नहीं था। साथ ही वो हेल्थ के लिए भी ठीक नहीं थीं। फिर मैंने सोचा घर पर मौजूद चीजों से ही आइसक्रीम बनाई जाए, देखते हैं क्या आउटपुट निकलता है।'
वो बताती हैं, 'जब आइसक्रीम बनकर तैयार हुई, तो काफी टेस्टी थी। साथ ही हेल्दी भी, क्योंकि उन्होंने किसी आर्टिफिशियल प्रोडक्ट का इस्तेमाल नहीं किया था। पहली बार प्रेरणा ने चॉकलेट फ्लेवर की आइसक्रीम बनाई थी। जब लोगों ने मेरे काम की तारीफ की और इसे बिजनेस के रूप में शुरू करने की सलाह दी, तो मुझे लगा यह मुश्किल टास्क है। बाजार में पहले से ही बहुत सारे ब्रांड्स हैं। उनके बीच खुद को स्थापित करना चुनौती भरा काम था।'
उन्होंने बताया, 'मैंने तय किया कि अब जब शुरुआत हो ही गई है, तो इसे भी आजमा लिया जाए। इसके बाद मैंने दिल्ली के कुछ लोकल मार्केट में अपने प्रोडक्ट भेजे। शुरुआत में ही अच्छा रिस्पॉन्स मिला। मॉडर्न मार्केट ने अच्छी खासी मात्रा में हमारा प्रोडक्ट स्टॉक कर लिया। इसके बाद कुछ ऑर्गेनिक स्टोर्स से डिमांड आई। इस तरह कारवां बढ़ता गया।'
वो बताती हैं, 'हाल ही में मुंबई और पुणे में बड़े-बड़े स्टोर्स ने हमारे प्रोडक्ट लिए हैं। जल्द ही बेंगलुरु में भी हमारा प्रोडक्ट उपलब्ध होगा। इसे लेकर बातचीत हो गई है। इसके साथ ही कई लोगों ने इसकी फ्रेंचाइजी लेने में दिलचस्पी दिखाई है। हमारी पूरी कोशिश है कि आने वाले दिनों में हम बाजार में बड़े-बड़े ब्रांड्स को टक्कर दें और लोगों का भरोसा भी जीतें।'
शुरुआत में प्रेरणा हाथ से ही आइसक्रीम तैयार करती थीं। लेकिन जब डिमांड बढ़ने लगी, तो उन्होंने इसके लिए मशीन मंगवाई। हालांकि अब भी वो हाथ से ही आइसक्रीम तैयार करने को प्रेफरेंस देती हैं। अभी वो हर दिन 45 टब आइसक्रीम तैयार करती हैं। उन्होंने 16 लोगों को रोजगार दिया है। जो उनकी टीम में आइसक्रीम तैयार करने से लेकर ऑर्डर और मार्केटिंग का काम संभालते हैं। इसके साथ ही उनके पति भी भरपूर सपोर्ट करते हैं।
आज प्रेरणा चॉकलेट, कॉफी, वेनिला और नट्स, काले किशमिश, नारियल, बादाम मार्जिपन फ्लेवर में आइसक्रीम बनाती हैं। जो दिल्ली-एनसीआर में लगभग सभी दुकानों पर उपलब्ध है। इसके अलावा, उनके प्रोडक्ट नेचर बास्केट आइसक्रीम के जरिये पुणे और मुंबई में भी बिकता है। उनके आइसक्रीम का प्राइस 75 ML के लिए 95 रु और 500 ML के लिए 650 रु है।
क्यों खास है यह आइसक्रीम
प्रेरणा अपने आइसक्रीम में कोई प्रिजर्वेटिव या स्टेबलाइजर इस्तेमाल नहीं करती हैं। न ही कोई आर्टिफिशियल केमिकल या फ्लेवर। यहां तक कि मिल्क पाउडर भी नहीं। वो लो फैट की वेजिटेरियन चीजों से आइसक्रीम तैयार करती हैं। इसे खाने से कोई साइडइफेक्ट या गला खराब होने जैसी शिकायत नहीं मिलती, जो दूसरी आइसक्रीम खाने से अमूमन होता है। वह कहती हैं कि किसी भी आर्टिफिशियल प्रिजर्वेटिव का इस्तेमाल करने के बाद उनके आइसक्रीम की शेल्फ लाइफ काफी कम हो जाती है। फ्रूट फ्लेवर में बना उनका आइसक्रीम कमर्शियल फ्रीजर में 20 दिनों तक रहता है, जबकि अन्य फ्लेवर 60 दिनों तक।
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