डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन ही अमेरिका के अगले राष्ट्रपति होंगे। इलेक्टोरल कॉलेज में भी बाइडेन को जीत हासिल हुई। सोमवार को हुई वोटिंग में बाइडेन को 306 जबकि ट्रम्प को 232 वोट मिले। कुल 538 इलेक्टोरल वोट होते हैं। बहुमत हासिल करने के लिए 270 इलेक्टर्स के समर्थन की जरूरत होती है। हालांकि, इस जीत की औपचारिक घोषणा 6 जनवरी को सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स मिलकर करेंगे।
जीत की पुष्टि होने के बाद बाइडेन ने कहा- मैं हर अमेरिकी का राष्ट्रपति बनूंगा। बाइडेन के इस बयान का मतलब अश्वेतों का संदेश माना जा सकता है। चुनाव के पहले अमेरिका में नस्लवाद का मुद्दा अहम था। इसको लेकर कई आंदोलन चले।
सोमवार को हुई वोटिंग
अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज की वोटिंग से ही होता है। हर क्षेत्र से चुने गए इलेक्टर्स 50 राज्यों की राजधानी में जुटते हैं। यहां वे वोटिंग करते हैं। जिस उम्मीदवार को 270 इलेक्टोरल वोट हासिल हो जाते हैं, वो राष्ट्रपति बन जाता है। संवैधानिक तौर पर इसका ऐलान 6 जनवरी को होगा। इस दिन दोपहर एक बजे (अमेरिकी समय के अनुसार) अमेरिकी संसद के दोनों सदनों की बैठक होगी और इलेक्टोरल कॉलेज के वोट काउंट किए जाएंगे। हालांकि, सोमवार को ही यह साफ हो गया कि बाइडेन को 306 और ट्रम्प को 232 वोट मिले हैं।
बंटवारे की राजनीति से अलग
बाइडेन ने जीत के बाद एक तरह से ट्रम्प की नीतियों पर तंज कसा। कहा- हम हालात बदलेंगे। अब बंटवारे का खेल नहीं चलने वाला। बाइडेन की जीत के बाद अमेरिकी अटॉर्नी जनरल विलियम बार के इस्तीफे की भी खबर आई। वे अगले हफ्ते पद छोड़ रहे हैं और ट्रम्प ने इसकी पुष्टि भी कर दी।
ज्यादातर एक्सपर्ट्स मानते हैं कि इलेक्टोरल कॉलेज में बाइडेन की जीत महज औपचारिकता है। इसकी वजह यह है कि बाइडेन ने हर अहम राज्य में जीत हासिल की थी। उन्हें करीब आठ करोड़ पॉपुलर वोट मिले। अमेरिका के उत्तर प्रदेश कहे जाने वाले सबसे ज्यादा इलेक्टोरल कॉलेज वोट वाले राज्य कैलिफोर्निया में बाइडेन को पूरे 55 वोट मिले।
लोकतंत्र की जीत
बाइडेन ने कहा- यह लोकतंत्र की जीत है। हम सभी मतदाता हैं और अपने अधिकार का प्रयोग करते हैं। अब वक्त आ गया है, जब हम एकजुट हों और हालात बदलें। यह जख्मों को भरने का वक्त है। मैं अब हर अमेरिकी नागरिक का राष्ट्रपति हूं।
ट्रम्प ने हार स्वीकार नहीं की
अमेरिकी में मीडिया के जरिए ही जीत और हार की तस्वीर साफ हो जाती है। इसकी औपचारिक घोषणा बाद में होती है। तीन नवंबर के चुनाव के बाद तय हो गया था कि बाइडेन ही अगले राष्ट्रपति होंगे। लेकिन, ट्रम्प ने कई राज्यों में केस दायर किए और चुनाव में धांधली के आरोप लगाए। सुप्रीम कोर्ट ने दो बार उनकी अपील खारिज कर दी। कुछ दिनों पहले उन्होंने कहा था कि वे इलेक्टोरल कॉलेज में हार गए तो स्वीकार कर लेंगे कि अगले चार साल बाइडेन ही राष्ट्रपति होंगे। लेकिन, 24 घंटे बाद भी उन्होंने हार स्वीकार नहीं की और न ही बाइडेन को जीत की बधाई दी।
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