साल 2020, जब दुनियाभर में कोरोना कहर बनकर टूटा। कोई नाजुक दौर से लड़कर बाहर निकला, तो कहीं अपनों का साथ भी छूटा। हर इंसान को एक बात समझ आई कि संक्रमण से बचाव ही फिलहाल असली वैक्सीन है। सालभर सिर्फ कोरोना और वैक्सीन चर्चा में रहे। इस बीच कई बड़ी उपलब्धियां भी सामने आईं। जानिए दुनिया के वे अचीवमेंट्स जिनकी खबर हमारे सामने से गुजरीं, लेकिन कोरोना ने उन्हें समझने का मौका ही नहीं दिया।
1. कोरोना फैला चीन से, लेकिन वैक्सीन सबसे पहले ब्रिटेन के लोगों तक पहुंची
- दुनियाभर में कोरोना चीन से फैला, लेकिन वैक्सीन सबसे पहले ब्रिटेन के लोगों तक पहुंची। वहां 8 दिसंबर से वैक्सीनेशन प्रोग्राम शुरू हुआ। इसमें 80 साल से अधिक उम्र के लोगों और हेल्थ वर्करों को शामिल किया गया। ब्रिटेन ने फाइजर-बायोएनटेक से 8 लाख डोज खरीदी हैं। यहां 4 लाख लोगों को दो-दो डोज दी जानी हैं। पहला टीका 90 साल की दादी मारग्रेट कीनन को लगा।
- अब तक 7 वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिला: अब तक चीन की 4, रूस की 2 और अमेरिका की 1 वैक्सीन को इमरजेंसी अप्रूवल मिल चुका है।
2. अमेरिकी एस्ट्रोनॉट क्रिस्टिना कोच ने अंतरिक्ष में 328 दिन रहकर बनाया रिकॉर्ड
- अंतरिक्ष में 11 महीने बिताने के बाद नासा की एस्ट्रोनॉट क्रिस्टीना कोच 6 फरवरी 2020 को वापस धरती पर लौटीं। यह किसी महिला का अब तक का सबसे लंबा अंतरिक्ष मिशन है। क्रिस्टीना ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर 328 दिन बिताए। इस दौरान धरती के 5,248 चक्कर लगाए। यह क्रिस्टीना का पहला मिशन था। जिसमें उन्होंने मंगल मिशन, गुरुत्वाकर्षण, स्पेस रेडिएशन और इसके महिलाओं के शरीर पर असर से जुड़ी अहम जानकारियां जुटाईं।
- पिछला रिकॉर्ड 288 दिन का था: नासा के मुताबिक, पिछला रिकॉर्ड अमेरिकी महिला एस्ट्रोनॉट पेगी विटसन के नाम था। 2016-17 में पेगी ने 288 दिन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में बिताए थे।
3. नेपाल अब गरीब नहीं, 2022 तक विकासशील देश बनने का लक्ष्य
- नेपाल अब लोअर से लोअर-मिडिल इकोनॉमी बन गया है। जुलाई में वर्ल्ड बैंक ने इस पर मुहर लगा दी। हालांकि, कोरोना के कारण नेपाल में पर्यटन और होटल व्यवसाय चौपट हो गया। इस बीच आर्थिक संकट झेल रहे नेपाल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने 1584 करोड़ रुपए का फंड जारी किया। संयुक्त राष्ट्र ने नेपाल को 2022 तक विकासशील देश बनने का लक्ष्य दिया है।
- 45% लोग ही नेपाली बोलते हैं: वर्ल्ड बैंक के मुताबिक, नेपाल की आबादी 2.84 करोड़ है। यहां की 81.3% आबादी हिंदू है और 45% लोग ही नेपाली भाषा बोलते हैं।
4. दुनिया कोरोना से लड़ती रही और अफ्रीका पोलियो मुक्त हो गया
- दुनिया सालभर कोरोना से लड़ती रही और अफ्रीका पोलियो मुक्त हो गया। 25 अगस्त को WHO ने इस पर मुहर लगा दी। अब तक अफ्रीकी देश नाइजीरिया में ही पोलियो वायरस बचा था। यहां पिछले 4 साल में पोलियो का एक भी मामला सामने नहीं आया। 1996 में पूरे अफ्रीका में लगभग 75 हजार बच्चे पोलियो का शिकार हुए थे।
- अब सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो: दुनिया में अब सिर्फ पाकिस्तान और अफगानिस्तान में ही पोलियाे वायरस सक्रिय है। किसी देश में 4 साल तक पोलियाे का मामला सामने न आने पर उस देश को पोलियो मुक्त माना जाता है। भारत 2014 में पोलियो मुक्त हो चुका है।
5. करीब आए दुश्मन, इजरायल और यूएई के बीच हुआ ऐतिहासिक शांति समझौता
- कट्टर दुश्मन माने जाने वाले इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच अगस्त में ऐतिहासिक शांति समझौता हुआ। समझौता कराया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने। 1948 में आजादी के बाद इजरायल का किसी अरब देश के साथ यह तीसरा समझौता है। इससे पहले वो जॉर्डन और मिस्र के साथ समझौते कर चुका है। इजरायल की यूएई से दोस्ती पर फिलिस्तीन ने विरोध जताया, जबकि कई देश इस समझौते से हैरान हुए।
- ट्रम्प ने एक तीर से दो निशाने साधे: ट्रम्प ने समझौता कराकर ईरान पर निशाना साधा है। ईरान से अरब देशों और अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हैं। ईरान परमाणु शक्ति हासिल करना चाहता है। अमेरिका, इजरायल और अरब देश उसे रोकना चाहते हैं। इसलिए तीनों देश साथ आए।
6. स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल से पानी में उतरे अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री, 45 साल बाद ऐसा हुआ
- अमेरिका की निजी अंतरिक्ष कंपनी स्पेसएक्स का ड्रैगन कैप्सूल 2 अगस्त को धरती पर पहुंचा। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से धरती तक का सफर तय करने में इसे करीब 19 घंटे लगे। 45 साल बाद अमेरिका के किसी स्पेसक्राफ्ट ने समुद्री सतह पर लैंडिंग की। मिशन चुनौती भरा था, क्योंकि लैंडिंग के लिए चुने गए फ्लोरिडा के पास इसायस साइक्लोन की चेतावनी दी गई थी। इसके बाद भी सफर जारी रहा।
- अब अमेरिका को नहीं चुकाने होंगे लाखों डॉलर: 2011 में स्पेस शटल प्रोग्राम खत्म होने के बाद अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा अंतरिक्ष में एस्ट्रोनॉट भेजने के लिए रूस पर निर्भर थी। रूस एक एस्ट्रोनॉट को भेजने के लिए अमेरिका से करीब 550 करोड़ रुपए लेता है। यह पहली बार है जब एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स ने एस्ट्रोनॉट को अंतरिक्ष में भेजा।
7. 24 किमी दूर से गेंद की फोटो ले सकेगा अमेरिका में बना 3200 मेगापिक्सल वाला कैमरा
- अमेरिकी वैज्ञानिकों ने सितंबर में 3200 मेगापिक्सल वाला दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा तैयार किया। इसे कैलिफोर्निया की एसएलएसी नेशनल एक्सीलेरेटर लैब में रखा गया। दावा है कि यह 24 किमी दूर से गेंद की फोटो भी खींच सकता है। इससे पहली तस्वीर एक ब्रॉकली की ली गई। अगले 10 साल में इस कैमरे से ब्रह्मांड की ऐसी तस्वीरें ली जाएंगी, जो अब तक साफ नहीं आ पाई हैं।
- पहला डिजिटल कैमरा 0.01 मेगापिक्सल का था: दुनिया का पहला डिजिटल कैमरा 1975 में ईस्टमैन कोडक कम्पनी के इंजीनियर स्टीवन सैसन ने तैयार किया था। इसका वजन 4 किलो था। पहली तस्वीर लेने में 23 सेकंड का समय लगा था। रिजोल्यूशन 0.01 मेगा पिक्सल था।
8. स्कॉटलैंड में हाइड्रोजन फ्यूल सेल का ट्रायल, घटेगा एयर पॉल्यूशन
- स्कॉटलैंड के एबरडीन में दुनिया की पहली हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलने वाली डबल डेकर बस का ट्रायल हुआ। अक्टूबर में शुरू हुई इस पहल का लक्ष्य कार्बन उत्सर्जन जीरो करना है। फंडा यह है कि कार्बन और हाइड्रोजन को हवा के साथ मिलाकर बिजली तैयार की जाती है। एक बस को चार्ज करने में 10 मिनट का समय लगता है।
- 100% ग्रीन हाइड्रोजन इस्तेमाल करने वाला पहला प्रदेश: UK का स्कॉटलैंड जल्द ही घरेलू इस्तेमाल के लिए ग्रीन हाइड्रोजन को ईंधन की तरह इस्तेमाल करने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। यहां के 300 घरों तक इसकी पाइपलाइन बिछाई जा चुकी है।
9. चीन का यान चंद्रमा की सतह से 2 किलो का टुकड़ा लेकर लौटा, 44 साल पहले नासा ने ऐसा किया था
- अमेरिका के अपोलो और रूस के लूना मिशन के बाद चीन दुनिया का तीसरा ऐसा देश बना, जो चांद का नमूना लेकर लौटा। चीन का चांग-ई-5 यान 23 नवंबर को चांद के लिए रवाना हुआ था। यह यान चांद की सतह से चट्टान का 2 किलो वजनी टुकड़ा लेकर 17 दिसंबर को लौट आया। इसकी लैंडिंग रात डेढ़ बजे मंगोलिया के भीतरी इलाके में हुई। चीन इसे अपनी बड़ी कामयाबी बता रहा है। अमेरिका का अपोलो 44 साल पहले चांद का टुकड़ा लेकर लौटा था।
- चीन का मिशन चुनौती भरा क्यों है: अमेरिका और रूस ने अंतरिक्ष में यात्री भेजे थे, लेकिन चीन ने ऐसा नहीं किया। चीन का मिशन जटिल है, क्योंकि इसमें कोई इंसान शामिल नहीं है। यह यान रोबोटिक है, जो चांद से चट्टान लेकर आया है।
10. भारतीय मूल की कमला हैरिस अमेरिका की पहली महिला और अश्वेत उपराष्ट्रपति बनीं
- डेमोक्रेटिक पार्टी से अमेरिका में जो बाइडेन राष्ट्रपति और कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनने जा रहीं हैं। इसी के साथ भारतीय मूल की कमला हैरिस ने तीन रिकॉर्ड बनाए। वह अमेरिका की पहली महिला उपराष्ट्रपति होंगी। इस पद पर काबिज होने वाली वे पहली साउथ एशियन और अश्वेत हैं। इनकी मां श्यामला गोपालन भारतीय थीं और पिता डोनाल्ड हैरिस जमैका के ब्रेस्ट कैंसर एक्सपर्ट थे।
- एक रिकॉर्ड प्रेसीडेंट इलेक्ट बाइडेन के नाम भी: 78 साल के जो बाइडेन अमेरिकी इतिहास के सबसे उम्रदराज राष्ट्रपति बनेंगे। इससे पहले सबसे उम्रदराज अमेरिकी राष्ट्रपति होने का रिकॉर्ड रोनाल्ड रीगन के नाम था। 1989 में रीगन ने जब पद छोड़ा तो उनकी उम्र 77 साल 349 दिन थी।
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