किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुए सेना के पूर्व कैप्टन पुलिस की बर्बरता का शिकार? जानें सच https://ift.tt/3ofDVwY

क्या हो रहा है वायरल: सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि भारतीय सेना के पूर्व अधिकारी जब किसानों के प्रदर्शन में पहुंचे, तो सुरक्षाबल के जवानों ने उनसे बर्बरता की।

दावे के साथ दो फोटोज का एक कोलाज वायरल हो रहा है। पहली फोटो देखने में एक सेना अधिकारी की लग रही है। वहीं दूसरी फोटो में एक घायल बुजुर्ग दिख रहे हैं। बताया जा रहा है कि दोनों फोटो एक ही शख्स की है।

फोटो के साथ शेयर किया जा रहा मैसेज है- भारतीय सेना की सिख रेजिमेंट से रिटायर कैप्टन पीपीएस ढिल्लन ने कभी सोचा नहीं होगा कि जब वो किसान की भूमिका में अपने हक के लिए आवाज उठाएंगे तो bjp की ITCell के लोग उन्हें खालिस्तानी और आतंकी कहेंगे!

और सच क्या है?

  • हमने एक-एक करके गूगल रिवर्स सर्च के जरिए दोनों फोटोज की सत्यता जांचनी शुरू की।
  • घायल बुजुर्ग की फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें कई सोशल मीडिया पोस्ट मिलीं, जिनमें फोटो को किसानों के प्रदर्शन का बताया गया है।
  • Reportic वेबसाइट के आर्टिकल में भी इस फोटो को किसानों के प्रदर्शन का ही बताया गया है। हालांकि, इस आर्टिकल में ऐसा उल्लेख नहीं है कि घायल व्यक्ति पूर्व सेना अधिकारी है।
  • पड़ताल के अगले चरण में सेना की वर्दी में बैठ शख्स की फोटो को लेकर किए जा रहे दावे की सत्यता जांचनी शुरू की। Invid के वी-वेरिफाई टूल के जरिए हमने ये पता लगाना शुरू किया कि आखिर फोटो पहली बार इंटरनेट पर कब आई।
  • सुखविंदर सिंह नाम के यूजर ने सोशल मीडिया पर फोटो 29 नवंबर को अपलोड की थी। कैप्शन से पता चलता है कि फोटो में सुखविंदर सिंह के पिता पृथीपाल सिंह हैं। पिता के 75वें जन्मदिन पर बेटे ने उनकी केक के साथ फोटो पोस्ट की।

  • सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि घायल व्यक्ति यही कैप्टन पृथीपाल सिंह हैं। इसकी पुष्टि के लिए हमने पृथीपाल सिंह के बेटे सुखविंदर से संपर्क किया। सुखविंदर ने भास्कर से हुई बातचीत में बताया कि कोलाज में दिख रहे घायल व्यक्ति उनके पिता नहीं हैं।
  • सुखविंदर सिंह ने बताया- 1993 में उनके पिता भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट से रिटायर हुए थे। वे 1965 और 1971 युद्ध के समय सेना का ही हिस्सा थे। सुखविंदर ने स्पष्ट किया कि पृथीपाल सिंह किसानों के प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।
  • साफ है कि सोशल मीडिया पर पूर्व सेना अधिकारी की फोटो गलत दावे के साथ शेयर की जा रही है। ये दावा झूठा है कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल होने पर सेना अधिकारी पुलिस की बर्बरता का शिकार हुए।


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Former army captain injured in farmers protest


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