भारतीय रेलवे की याेजना मांग के अनुसार ट्रेनें चलाने की है। इससे सभी को कन्फर्म टिकट दिया जा सकेगा। इसके लिए रेलवे ने 2024 की समय सीमा तय की है। इसके साथ ही माल ढुलाई में रेलवे माैजूदा हिस्सेदारी 27% से बढ़ाकर 2030 तक 45% करने की तैयारी कर रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन और सीईओ वीके यादव ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
ट्रेनाें काे सामान्य रूप से कब तक चलाया जाएगा, इस सवाल काे लेकर यादव ने कहा कि इस बारे में काेई निश्चित तारीख बता पाना संभव नहीं है। रेलवे बोर्ड के अनुसार, ट्रेनों में सालाना करीब 16 करोड़ वेटिंग टिकट बुक होते हैं।
रेलवे बोर्ड के सीईओ बोले-2024 तक सभी को मिलेगा कंफर्म टिकट...
इनमें से करीब 7 करोड़ से अधिक पैसेंजर्स के वेटिंग टिकट ट्रेन छूटने से पहले कन्फर्म हो जाते हैं और करीब 9 करोड़ के कन्फर्म नहीं हो पाते हैं। इनमें से ऑनलाइन बुक टिकट स्वत: ही कैंसिल हो जाते हैं, जबकि विंडो टिकट लेने वाले तमाम यात्री फर्श पर बैठकर यात्रा करते हैं। यह संख्या प्रति वर्ष बढ़ती जा रही है। वेटिंग खत्म करने के लिए ऑन डिमांड ट्रेनों को चलाए जाने की तैयारी है।
नेशनल रेल प्लान के तहत फ्रेट काॅरीडोर 2024 तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा, जिससे ऑन डिमांड ट्रेनें चलाई जा सकेंगी। चेयरमैन के अनुसार कोरोना की वजह से रेलवे को पैसेंजर से होने वाली कमाई में 87% का नुकसान हुआ है। पिछले वर्ष कमाई 53 हजार करोड़ रुपए थी। इस वर्ष अभी तक 46 सौ करोड़ हुई है।
रेलवे ने साथ ही विजन 2024 के तहत फ्रेट मूवमेंट 2024 मिलियन टन पहुंचाने का लक्ष्य रखा है, जो 2019 में 1210 मिलियन टन था। यादव ने वर्चुअल प्रेस काॅन्फ्रेंस में कहा, “अब तक हम 1,768 ट्रेनों की तुलना में 1,089 मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों काे चला रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि रेलवे इसके अलावा 264 कोलकाता मेट्रो ट्रेनों और 3,936 उपनगरीय ट्रेनाें काे चला रहा है। उन्होंने कहा, “हम अब उन जगहों पर 20 विशेष क्लोन ट्रेनें भी चला रहे हैं, जहां वेटलिस्ट के अनुसार हाई डिमांड है। त्योहारी सीजन के दौरान कन्फर्म टिकटों की अधिक मांग को देखते हुए रेलवे ने भीड़ को कम करने के लिए 618 विशेष ट्रेनें चलाईं।’