आज अपने पर्सनल रॉकेट से अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे दुनिया के सबसे अमीर शख्स जेफ बेजोस


आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति और अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस अंतरिक्ष में उड़ान भरने के साथ ही इतिहास रचने वाले हैं. वह अपने पर्सनल रॉकेट से अंतरिक्ष में उड़ान भरेंगे.

इंस्टाग्राम पर सोमवार तड़के बेजोस ने कहा कि वह, उनके भाई और जारी एक नीलामी के विजेता ब्लू ओरिजिन के ''न्यू शेफर्ड'' अंतरिक्षयान पर सवार होंगे जो 20 जुलाई को उड़ान भरने वाला है. इस यात्रा में टेक्सास से अंतरिक्ष की संक्षिप्त यात्रा की जाएगी.  20 जुलाई को अपोलो-11 के चांद पर पहुंचने की सालगिरह भी मनाई जाती है.

बेजोस ने फरवरी की शुरुआत में कहा था कि वह अन्य कार्यों को अधिक समय देने और अपनी कंपनी ब्लू ओरिजिन पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेजन के सीईओ के पद को छोड़ना चाहते हैं.

बेजोस ने इंस्टाग्राम पर कहा, '''' धरती को अंतरिक्ष से देखना, आपको बदल देता है, इस ग्रह से आपके रिश्ते को बदल देता है. मैं इस उड़ान में सवार होना चाहता हूं क्योंकि यह एक ऐसी चीज है, जिसे मैं हमेशा से ही अपने जीवन में करना चाहता था. यह एक रोमांच है. यह मेरे लिए बेहद अहम है.''''


रिचर्ड ब्रेनसन ने जेफ बेजोस से पहले की अंतरिक्ष यात्रा की घोषणा

अमेरिकी अंतरक्षियान कंपनी वर्जिन गैलेक्टिक के रिचर्ड ब्रेनसन अपने साथी अरबपति कारोबारी जेफ बेजोस से नौ दिन पहले अंतरिक्ष यात्रा पर जाने की योजना बना रहे है.

ब्रेनसन की कंपनी ने घोषणा करते हुए कहा था कि उसकी अगली अंतरिक्ष उड़ान 11 जुलाई को होगी और इसके संस्थापक समेत छह लोग उस उड़ान का हिस्सा होंगे.

यह अंतरिक्ष यान न्यू मेक्सिको से उड़ान भरेगा जिसमें चालक दल के सभी सदस्य कंपनी के कर्मचारी होंगे. वर्जिन गैलेक्टिक के लिए यह अंतरिक्ष तक जाने वाली चौथी उड़ान होगी.

इस खबर से कुछ घंटे पहले बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन ने कहा था कि बेजोस 20 जुलाई को अंतरिक्ष में जाएंगे और उनके साथ एयरोस्पेस जगत की एक अग्रणी महिला होंगी जिन्होंने वहां जाने के लिए 60 वर्षों तक इंतजार किया है.


यूरी गागरिन थे अंतरिक्ष में जाने वाले पहले शख्स

यूरी गागरिन 12 अप्रैल, 1961 को अंतरिक्ष जाने वाले पहले शख़्स बने थे. यह अंतरिक्ष की लड़ाई में अमेरिका पर सोवियत संघ की जीत थी. इतिहास बनाने के लिए गागरिन ने  ख़तरनाक चुनौती स्वीकार की थी. उन्हें अंतरिक्ष में भेजा जा रहा था, जिसके बारे में लोगों को बहुत कम जानकारी थी. वे ऐसे यान से वहां जा रहे थे जिसमें किसी आपात स्थिति में बचाव की कोई व्यवस्था नहीं थी.


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