बेरोजगारी की मार झेल रहे पढ़े-लिखे युवाओं की मुश्किलों का एक जीता-जागता उदाहरण पश्चिम बंगाल में देखने को मिला है. कोलकाता के एक सरकारी अस्पताल में डोम पद पर 6 वैकेंसी निकली है. इस नौकरी को पाने की होड़ में इंजीनियर और पोस्ट ग्रेजुएट भी लगे हैं.
कोलकाता में एक सरकारी अस्पताल में शवों को संभालने के लिए प्रयोगशाला सहायक के छह पदों पर निकली भर्ती के लिए आवदेन करनेवाले 8000 आवेदकों में इंजीनियर, स्नातक और परास्नातक उम्मीदवार शामिल हैं. मुर्दाघर में बोलचाल में प्रयोगशाला सहायक को ‘डोम' भी कहा जाता है. चिकित्सा प्रतिष्ठान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि नील रत्न सरकार चिकित्सा कॉलेज सह अस्पताल के फ़ॉरेंसिक मेडिसिन एंड टॉक्सीकोलॉजी विभाग में ‘डोम' के छह पदों पर भर्ती के लिए आवेदन देने वालों में करीब 100 इंजीनियर, 500 स्नातकोत्तर और 2,200 स्नातक उम्मीदवार हैं.
अस्पताल के अधिकारी ने बताया कि कुल आवेदकों में से 84 महिला उम्मीदवारों समेत 784 को एक अगस्त को होने वाली लिखित परीक्षा के लिए बुलाया गया है.
पिछले साल दिसंबर में निकली भर्ती की अधिसूचना के अनुसार इस पद की अहर्ता कम से कम आठवीं पास और उम्र सीमा 18-40 साल है. वहीं मासिक वेतन 15,000 रुपये है.
अधिकारी ने बताया, ‘‘ कई आवेदक नौकरी की योग्यता के हिसाब से ज्यादा पढ़े-लिखे हैं. यह अचंभित करने वाला है कि इंजीनियरिंग, परास्नातक और स्नातक की डिग्री रखनेवालों ने इस पद के लिए आवेदन किया. ऐसा पहली बार हुआ. हमें आम तौर पर उन्हीं लोगों के आवेदन मिलते हैं,जिनके परिवार के लोग पहले से ही ‘डोम' के रूप में काम कर रहे हैं.''
For More: VISIT