2014 में तत्कालीन नव-निर्वाचित प्रधान मंत्री ने अपने पहले स्वतंत्रता दिवस के भाषण के लिए चमकीले लाल रंग का छींटेदार जोधपुरी साफा पहन रखा था. इसके साथ हरे रंग की लंबी ट्रेल थी. पीएम ने तब भी आधी बांह का कुर्ता और बंडी पहन रखी थी.
स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्र के नाम संबोधन के लिए किस्म-किस्म के रंगीन पगड़ी पहनने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोल्हापुरी फेटा शैली की पगड़ी पहनी थी. नारंगी रंग की इस पगड़ी की लंबी पगडंडी उनके घुटने तक फैली हुई थी. दिल्ली के लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कुर्ता पायजामा के साथ आसमानी रंग की हाफ जैकेट पहन रखी थी. उसके ऊपर हल्के रंग का अंगवस्त्रम भी कंधे पर डाल रखा था.
लाल किले से देश को संबोधित करने के दौरान पिछले सात सालों में भी पीएम मोदी को अक्सर देश के अलग-अलग राज्यों की पारंपरिक पगड़ी में देखा गया है.
पिछले साल 2020 में पीएम मोदी ने नारंगी और पीले रंग के के मिश्रण की पगड़ी का विकल्प चुना था. इसके साथ उन्होंने बिना कॉलर के कुर्ते पर सफेद रंग में नारंगी बॉर्डर वाले मास्क की तरह एक गमछा कंधे पर डाला था.
साल 2019 में पीएम मोदी ने राजस्थानी पगड़ी पहनी थी. पगड़ी नारंगी, पीले और हरे रंग का सम्मिश्रण था. इसके साथ ही उन्होंने आधे बाजू का सफेद कुर्ता पहन रखा था. कंधे पर नारंगी बॉर्डर वाला प्रिंटेड गमछा था जिस पर ब्राउन चेक थे.
साल 2018 में पीएम मोदी ने नारंगी और लाल रंग के मिश्रण की पगड़ी पहनी थी. सफेद कुर्ते पर हरी पट्टी वाला गमछा भी था. इस साल से उन्होंने कंधे पर गमछा रखना शुरू कर दिया था.
2017 में पीएम मोदी ने पीला, नारंगी और लाल रंगों के मिश्रण वाली पगड़ी पहनी थी, जिसका एक सिरा कमर के नीचे तक था. इस साल भी उन्होंने आधी बाजू का कुर्ता पहना था लेकिन कंधे पर कोई गमछा नहीं था.
2016 में पीएम ने गुलाबी, पीले और नारंगी रंग की टाई-एंड-डाई पगड़ी पहनी थी, इसका आधा हिस्सा उनके घुटने तक पीछे लटक रही थी. आधे बांह का सफेद कुर्ता बिना गमछा का था.
2015 में पीएम ने मस्टर्ड येलो कलर की पगड़ी पहनी थी, जिस पर लाल, हरा और गुलाबी रंग का डिजायन बना हुआ था. पगड़ी का एक सिरा उस साल भी पीछे में उनके घुटने तक लटक रहा था. उस साल उन्होंने कुर्ते के पैकेट पर तिरंगे का स्क्वायर बना रखा था.
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