जेवर एयरपोर्ट परियोजना ने छीना कई ग्रामीणों का आशियाना, अभी तक नहीं मिला नया मकान


यूपी सरकार की सबसे महत्वाकांक्षी योजना जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का भूमि पूजन 22 से 30 अगस्त के बीच हो सकता है. एयरपोर्ट बनाने के लिए आठ गांव के लोगों का विस्थापन हुआ है. लेकिन गांव वालों का कहना है कि आनन-फानन में उनके पुश्तैनी मकान तोड़ दिए गए. नए मकान को बनाने का वक्त तक नहीं दिया गया. लिहाजा सैकड़ों लोग किराए पर रहने को मजबूर हैं.

सैकड़ों साल पुराने जेवर के रोही गांव में  हनुमान जी की मूर्ति.. .पुराना सरकारी स्कूल और कुंए का चबूतरा ही बचा है. सारे पुश्तैनी मकान ज़मिंदोज हो चुके हैं. 62 साल के ओम प्रकाश ने पुराने मकान के मलबे के बीच खड़े होकर दर्द बयां किया. उन्होंने कहा कि पुराने मकान गिरा दिए गए. नए मकान अभी बने नहीं हैं. लिहाजा किसी को किराए पर तो कोई गिरे मकान में ही रह रहा है.

जेवर से विस्थापित हुए ग्रामीणों को दादरी में बसाने की तैयारी चल रही है. यहां हर तरफ सैकड़ों मकान बन रहे हैं. रोही गांव के धर्मेंद्र भी अपना मकान बना रहे हैं. गांव से दादरी के पॉकेट में रहने का दर्द उनके चेहरे पर साफ दिखाई दिया. धर्मेंद्र कुमार ने कहा कि रोही में खुला वातावरण था.. बड़ा घर था, पेड़ था. यहां दड़बे में आ गया. यहां तीन बच्चों को पालना मुश्किल है. पशुओं को तो लाने पर पाबंदी है, बताओ काम हैं नहीं.. क्या करेंगे.

बता दें कि यूपी चुनाव नजदीक है, लिहाजा सरकार भूमि पूजन कर जेवर एयरपोर्ट की चमकदार तस्वीर दिखाना चाहती है. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट 2024 तक शुरु होना है. इस महीने के अंतिम सप्ताह में भूमि पूजन के लिए स्थानीय विधायक धीरेंद्र सिंह से लेकर प्रशासनिक अमला रोज दौरे कर रहा है. उम्मीद है कि 22 अगस्त से लेकर 30 अगस्त तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों भूमि पूजन होगा.

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आने से उत्तर प्रदेश ही नहीं, हरियाणा और राजस्थान के लोगों को भी खासा फायदा होगा. लेकिन, फिलहाल जो गांव उजड़े हैं.. उनकी समस्याओं को दूर करना जरुरी है.

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