दिल्ली दंगों से जुड़े मामले में एक दिन पहले दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी. मामले में कोर्ट ने दोषी नहीं पाए जाने पर पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन के भाई समेत तीन आरोपियों को बरी किया था. कोर्ट ने यह फैसला सुनाते हुए दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई और कहा था, “पुलिस का प्रभावी जांच का इरादा नहीं”. “कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी ने केवल अदालत की आंखों पर पट्टी बांधने की कोशिश की है और कुछ नहीं. ये मामला करदाताओं की गाढ़ी कमाई की भारी बर्बादी है. इस मामले की जांच करने का कोई वास्तविक इरादा नहीं है.”
कोर्ट की टिप्पणी का हवाला देते हुए अब दिल्ली की आम आदमी पार्टी ने भी दिल्ली पुलिस को आड़े हाथ लिया है. AAP प्रवक्ता आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं. मामले में हुई गिरफ्तारियों पर भी AAP नेता ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि इस देश की हर कोर्ट दिल्ली पुलिस से सवाल पूछ रही है. शुरुआत में दिल्ली हाई कोर्ट ने भड़काऊ बयान पर एक्शन न लेने पर सवाल पूछे थे. साथ ही कोर्ट ने कहा था कि पुलिस के कॉन्स्टेबल को गवाह के तौर पर ला रहे हैं तो ऐसा लगता है कि गवाह फर्जी हैं.
आतिशी ने कहा कि दिल्ली पुलिस की कमजोर इन्वेस्टिगेशन पर कोर्ट ने फिर से सवाल खड़े किए हैं. दिल्ली पुलिस दंगे के मामले में ठीक से जांच नहीं करना चाह रही है. 750 में से 35 केस में चार्जशीट दाखिल हुई है, इसलिए कोर्ट सवाल खड़े कर रही है कि दिल्ली पुलिस जांच नहीं करना चाहती है. स्पष्ट है कि क्यों उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के वकील तैनात करने से मना किया. दिल्ली पुलिस का दिल्ली दंगों की जांच का इरादा नहीं है.
उन्होंने पूछा कि दिल्ली पुलिस दंगों में किसे बचा रही है. सभी गिरफ्तारियों पर बड़े सवाल खड़े होते हैं.
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