लखीमपुर खीरी मामले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी. स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने यह बात कही है. गौरतलब है कि इस मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है. मामले की जांच कर रही पुलिस टीम ने जज को लिखा है कि आशीष मिश्रा के खिलाफ आरोपों को संशोधित किया जाना चाहिए. मामले में आशीष मिश्रा और अन्य पहले ही हत्या और साजिश के आरोपों का सामना कर रहे हैं. विशेष जांच टीम चाहती है कि इसमें हत्या की कोशिश (attempt to murder)और अन्य आरोप भी जोड़े जाएं.
गौरतलब है कि ऐसे समय जब सत्ताधारी बीजेपी, यूपी में विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी कर रही है, यह घटनाक्रम केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा के लिए बड़ी परेशानी का संकेत है. अजय मिश्रा को हटाने की लगातार मांग के बावजूद पीएम नरेंद्र मोदी ने उन्हें कैबिनेट में बरकरार रखा है. लखीमपुर खीरी की घटना को लेकर किसानों में तीखा गुस्सा है जिसका असर आने वाले चुनावो में देखने को मिल सकता है. लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को किसानों को विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई इस घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी. कथित तौर पर आशीष मिश्रा द्वारा चलाई जा रही SUV के किसानों पर चढ़ने से चार किसानों की मौत हो गई थी. इसके बाद हिंसा भड़क उठी थी और एक पत्रकार सजित चार और लोगों को जान गंवानी पड़ी थी.
आशीष मिश्रा का नाम किसानों द्वारा दायर FIR में है. जिसमें कहा गया है कि किसानों के शांतिपूर्ण मार्च के बीच से आशीष अपनी कार से तेज गति से लोगों को रौंदते निकला. इस घटना और इससे हुई हिंसा में चार किसानों और काफिले के चार लोगों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.
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