राहुल गांधी ने गणतंत्र दिवस के मौके पर अमर जवान ज्योति की फोटो शेयर कर किया कटाक्ष


राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि 'यह बड़े दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी वह आज बुझ जाएगी. उन्होंने लिखा था कि कुछ लोग देशभक्ति या बलिदान को नहीं समझते. हम एक बार फिर अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति जलाएंगे."

कांग्रेस के नेताराहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने गणतंत्र दिवस पर ट्वीट करके देशवासियों को बधाई दी है. इस ट्वीट में राहुल गांधी ने अमर जवान ज्योति के मुद्दे का एक बार फिर जिक्र किया है, जिसे अब नेशनल वार मेमोरियल में मिला दिया गया है. राहुल ने लिखा है कि 1950 में गणतंत्र दिवस पर हमारे देश ने विश्वास के साथ सही दिशा में पहला कदम बढ़ाया था. सत्य और समानता के उस पहले कदम को नमन. गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं. जय हिंद! बता दें कि राहुल गांधी ने उसी अमर जवान ज्योति की तस्वीर के साथ ट्वीट किया है, जिसे 50 साल बाद इंडिया गेट से हटाकर 400 मीटर दूर राष्ट्रीय युद्ध स्मारक की लौ में मिला दिया गया. इस कदम की कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों सहित कई लोगों ने आलोचना की थी.

राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा था कि 'यह बड़े दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी वह आज बुझ जाएगी. उन्होंने लिखा था कि कुछ लोग देशभक्ति या बलिदान को नहीं समझते. हम एक बार फिर अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति जलाएंगे."

वहीं केंद्र सरकार की ओर से सफाई दी गई कि अमर जवान ज्योति बुझाई नहीं जा रही और गलत सूचना प्रसारित की गई .सरकार के सूत्रों ने कहा, "अमर जवान ज्योति की लौ बुझ नहीं रही है बल्कि इसे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (National War Memorial) में जल रही ज्वाला में मिलाया जा रहा है. ये अजीब बात थी कि अमर जवान ज्योति की लौ ने 1971 और अन्य युद्धों में जान गंवाने वाले जवानों को श्रद्धांजलि दी, लेकिन उनका कोई भी नाम वहां मौजूद नहीं है."

अमर जवान ज्योति की स्थापना उन भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी जोकि 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे. इस युद्ध में भारत की विजय हुई थी और बांग्लादेश का गठन हुआ था. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी 1972 को इसका उद्घाटन किया था. सूत्रों ने तर्क दिया कि 1971 के युद्ध सहित स्वतंत्रता के बाद के युद्धों में शहीद हुए सभी भारतीय सैनिकों के नाम राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में रखे गए हैं.  उन्होंने कहा, "इसलिए वहां युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय जवानों को देने वाली ज्योति का होना ही सच्ची 'श्रद्धांजलि' है."

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