प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को वाराणसी में लोगों से कहा कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों द्वारा उनकी मृत्यु के लिए प्रार्थना की गई. समाचार एजेंसी एएनआई ने वाराणसी में एक रैली में उनके हवाले से कहा, "हमने देखा है कि भारतीय राजनीति में लोग कितने नीचे गिर गए हैं, लेकिन जब काशी में मेरी मौत के लिए प्रार्थना की गई तो मुझे खुशी हुई. इसका मतलब था कि मेरी मृत्यु तक न तो मैं काशी छोड़ूंगा और न ही यहां के लोग मुझे छोड़ेंगे."
पीएम मोदी का निशाना समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर था, जिन्होंने चुनाव की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले पिछले साल वाराणसी में अपने कई आधिकारिक कार्यों को लेकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था. आलोचकों का कहना है कि चुनाव से पहले भाजपा के राजनीतिक संदेश को फैलाने के लिए कार्यक्रमों का इस्तेमाल किया जा रहा था.
एक महीने तक पीएम मोदी से जुड़े जश्न की खबरों के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने साफ तौर पर कहा था, "यह अच्छा है. वे वहां सिर्फ एक महीने नहीं, बल्कि दो या तीन महीने भी रह सकते हैं. रहने के लिए यही सही जगह है. लोग अपने अंतिम दिन बनारस (वाराणसी) में बिताएं." उनका संदर्भ हिंदू मान्यता के लिए था कि बनारस में अंतिम दिन बिताना शुभ है, जिसे काशी के रूप में भी जाना जाता है. इस टिप्पणी की भाजपा नेताओं ने जमकर आलोचना की थी.
बता दें कि 2014 से प्रधानमंत्री के लोकसभा क्षेत्र, वाराणसी में अंतिम चरण में 7 तारीख को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होना है. इस संसदीय सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा क्षेत्र हैं -वाराणसी उत्तर, वाराणसी दक्षिण, वाराणसी छावनी, सेवापुरी और रोहनिया. 2017 के विधानसभा चुनाव में अपना दल (सोनेलाल) ने एक सीट जीती थी और बाकी 4 सीटें बीजेपी ने जीती थीं.
आज वाराणसी में भाजपा के बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने विपक्षी समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि उसके शासन में आतंकवादी बिना किसी डर के काम करते थे.
इससे पहले भी पीएम मोदी ने समाजवादी पार्टी और कांग्रेस पर आतंकवाद के प्रति नरमी बरतने का आरोप लगाया था. इस महीने की शुरुआत में हरदोई में एक रैली में बोलते हुए, उन्होंने अखिलेश यादव सरकार पर आतंकवादियों के खिलाफ मामले वापस लेने की मांग करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा था, 'समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं का रवैया और भी चिंताजनक रहा है. ये लोग ओसामा जैसे आतंकवादी को 'जी' कहकर संबोधित करते हैं. ये लोग बाटला हाउस मुठभेड़ में आतंकियों के खात्मे पर आंसू बहाते हैं.'
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