बसों के जल्द पहुंचने की उम्मीद', भारतीय दूतावास ने कहा- भारतियों को बाहर निकालने के लिए हरसंभव तरीके खोज रहे



भारतीय दूतावास ने कहा, “जब तक हमारे सभी नागरिकों को बाहर नहीं निकाल लिया जाता, तब तक नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेगा. सुरक्षित रहें, सशक्त बने रहें.”
यूक्रेन में भारतीय दूतावास (India in Ukraine) ने शनिवार को कहा कि वह पूर्वी यूक्रेन के शहर सुमी (Sumi) एवं पिसोचिन (Pisochyn) से भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए हरसंभव तरीके तलाश रहा है. दूतावास ने खासतौर पर कहा कि वह पिसोचिन में 298 भारतीय छात्रों तक पहुंच बना रहा है और उन्हें वहां से निकालने के लिए बसें रास्ते में हैं.
भारतीय दूतावास ने कहा, ‘‘(हम) पिसोचिन में 298 छात्रों से सम्पर्क कर रहे हैं. बसें रास्ते में हैं और जल्द पहुंचने की उम्मीद है. कृपया सुरक्षा निर्देशों एवं एहतियात का पालन करें. सुरक्षित रहे, सशक्त बने रहें.''

दूतावास ने कहा कि वह यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए निकासी मार्गों की पहचान के वास्ते रेडक्रॉस सहित सभी संबंधित वार्ताकारों के संपर्क में है.

युद्धग्रस्त यूक्रेन में सूमी संघर्ष वाले क्षेत्रों में से एक है, जहां रूसी और यूक्रेनी सेनाओं के बीच भीषण लड़ाई जारी है.

दूतावास ने ट्वीट किया, “सूमी में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित रूप से निकालने के लिए सभी संभव तरीके तलाश रहे हैं. रेडक्रॉस सहित सभी वार्ताकारों के साथ निकासी और उसके संभावित मार्गों की पहचान पर चर्चा की गई है.”

भारतीय दूतावास ने कहा, “जब तक हमारे सभी नागरिकों को बाहर नहीं निकाल लिया जाता, तब तक नियंत्रण कक्ष सक्रिय रहेगा. सुरक्षित रहें, सशक्त बने रहें.”

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को बताया था कि सूमी में करीब 700 भारतीयों के फंसे होने की जानकारी है.

बागची ने संवाददाता सम्मेलन में यूक्रेन और रूस, दोनों पक्षों से खारकीव और सूमी सहित संघर्ष वाले अन्य क्षेत्रों से भारतीयों की सुरक्षित निकासी के लिए ‘स्थानीय स्तर पर युद्ध विराम' का भी आग्रह किया था.

उन्होंने कहा था कि भारत, पूर्वी यूक्रेन से अपने नागरिकों को निकालने पर ध्यान केंद्रित किये हुए है, जिसमें खारकीव और सुमी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि अनुमानित रूप से यूक्रेन में 2000 से 3000 के बीच भारतीय फंसे हो सकते हैं .

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