सीबीआई के ‘लुक आउट सर्कुलर’ (एलओसी) के मद्देनजर आकार पटेल को बुधवार को बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस वक्त रोक लिया गया जब वह देश से बाहर जा रहे थे.
दिल्ली की एक अदालत ने विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (FCRA) मामले में आज एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया के पूर्व प्रमुख आकार पटेल के खिलाफ जारी लुकआउट सर्कुलर नोटिस को तुरंत वापस लेने का आदेश सीबीआई को दिया है. पटेल ने बुधवार को अमेरिका जाने के लिए प्लेन में सवार होने से रोके जाने के बाद अदालत का रुख किया था. उन्होंने कोर्ट से 30 मई 2022 तक अमेरिका की यात्रा की इजाजत मांगी थी. पटेल ने इस खबर को शेयर करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया था, उन्होंने एमनेस्टी के खिलाफ मनी लांड्रिंग के आरोपों को 'बेतुका' बताया.
गौरतलब है कि पिछले साल 31 दिसंबर को जारी सीबीआई के ‘लुक आउट सर्कुलर' (एलओसी) के मद्देनजर आकार पटेल को बुधवार को बेंगलुरु अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस वक्त रोक लिया गया जब वह देश से बाहर जा रहे थे.पटेल ने आवेदन में दावा किया गया था कि गुजरात की एक अदालत द्वारा उन्हें अमेरिका की यात्रा करने की अनुमति देने के आदेश के बावजूद यह कार्रवाई की गई.उन्होंने दावा किया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उनके खिलाफ सर्कुलर क्यों जारी किया गया था. उन्होंने कहा कि वह तीन विश्वविद्यालयों में व्याख्यान देने के लिए अमेरिका जाना चाहते थे. दूसरी ओर, सीबीआई ने पटेल की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया था कि यदि पटेल को देश छोड़ने की अनुमति दी जाती है तो वह न्याय के दायरे से बचकर भाग सकते हैं. उसने कहा कि पटेल बेहद प्रभावशाली हैं. एजेंसी ने कहा,‘‘ हम गिरफ्तारी की मांग नहीं कर रहे हैं. हम कह रहे हैं कि उन्हें देश से बाहर नहीं जाने दिया जाना चाहिए.''बता दें, वर्ष 2018 में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एमनेस्टी इंटरनेशल इंडिया के कार्यालय पर विदेशी मुद्रा उल्लंघन के मामले को लेकर छापा मारा था.ये छापे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नियमों का कथित रूप से उल्लंघन करने के सिलसिले में मारे गए थे.
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