अब दिनेश कार्तिक ने किया खुलासा, क्योंकि चहल को विश्व कप में एक भी मैच नहीं खिलाया गया



दिनेश कार्तिक ने सफायी जरूर दी है, लेकिन उनकी यह बात बिल्कुल भी गले से नहीं उतर रही
पिछले दिनों टी20 विश्व कप (T20 World Cup 2022) के सेमीफाइनल में टीम इंडिया की शर्मनाक विदायी के बाद जो सवाल सबसे ज्यादा गूंज रहे हैं, या टीम मैनेजमेंट को जिन सवालों का जवाब देना है, उनमें से एक सबसे बड़ा सवाल यह भी है कि लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल को क्यों एक भी मैच नहीं दिया गया, जबकि हालात लगातार उनकी मांग कर रहे थे. वैसे चहल ही नहीं, बल्कि हर्षल पटेल एक और ऐसे खिलाड़ी रहे, तो वहीं ऋषभ पंत को भी शुरुआत में पहला मैच बहुत ज्यादा शोर-खराबे के बाद दिया गया था, लेकिन कोच राहुल द्रविड़ और कप्तान रोहित शर्मा को अभी तक आलोचना झेलनी पड़ रही है युजवेंद्र चहल को न खिलाने के लिए. बहरहाल, अब विकेटकीपर दिनेश कार्तिक ने खुलास किया है कि चहल को क्यों नहीं खिलाया गया.

दिनेश कार्तिक ने एक वेबसाइट से बातचीत में कहा कि चहल और पटेल दोनों से ही टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले ही यह कह दिया गया था कि अगर हालात इजाजत देंगे, तो ही आपको को इलेवन में खेलने का मौका मिलेगा. वर्ना दोनों को ही इलेवन से बाहर ही बैठना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि दोनों ही एक बार को भी निराश नहीं हुए क्योंकि ये दोनों ही आश्वस्त थे.  टूर्नामेंट की शुरुआत से ही इन दोनों को साफ कर दिया गया था कि इन हालात में ही आपको खिलाया जाएगा. और अगर ऐसे हालात नहीं हुए, तो खासी मुश्किल हो सकती है. ऐसे में दोनों को ही जानकारी थी और  वे कुछ इस तरह से तैयारी कर रहे थे कि जब भी मौका मिलेगा, तो वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे. लेकिन ऐसे भी हालात हो सकते हैं कि उन्हें एक भी मैच न मिले.
कार्तिक ने कहा कि जब ऐसी स्पष्टता कोच और कप्तान की तरफ से आती है, तो खिलाड़ियों का काम बहुत ही आसान हो जाता है. ऐसे में आप हालात और खुद के भीतर झांकते हैं और देखना शुरू करते हैं कि और बेहतर तैयारी करने के लिए किस बात की जरूरत है. ऐसे में दोनों वही कर रहे थे, जो इन्हें बताया गया था.

 वैसे अगर कार्तिक का तर्क भी वही है, जो मैनेजमेंट का है, तो बात एकदम समझ से परे है. जहां बाकी टीमों ने लेग स्पिनरों को खिलाया और उन्हें विकेट भी मिले, तो चहल को न खिलाना समझ में नहीं आया. मैच दर मैच अश्विन विकेट के लिए तरसते गए और ऐसे समय में भी अगर चहल को नहीं खिलाया गया, तो यह पूरी तरह से रणनीतिक चूक रही. अब देखते हैं कि कोच और कप्तान समीक्षा के समय बीसीसीआई को क्या जवाब देते हैं.

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