अमेरिका के नेश्विल में तीसरी और फाइनल प्रेसिडेंशियल डिबेट शुरू हो चुकी है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन इसमें हिस्सा ले रहे हैं। कुल 90 मिनट की बहस को 15-15 मिनट के 6 हिस्सों में बांटा गया है। पहली डिबेट में बाइडेन और ट्रम्प ने कई मौकों पर एक-दूसरे के साथ रोकटोक की थी। लिहाजा, कमिशन ऑफ डिबेट (सीपीडी) ने इस बार म्यूट बटन के इस्तेमाल का फैसला किया। यानी एक कैंडिडेट जब मॉडरेटर के सवाल का जवाब दे रहा होगा तो दूसरे का माइक्रोफोन बंद रहेगा।
दूसरी बहस, 22 अक्टूबर को होनी थी। तब ट्रम्प कथित तौर पर संक्रमण मुक्त हो चुके थे। सीपीडी ने इसे वर्चुअल फॉर्म में कराने को कहा था। राष्ट्रपति इसके लिए तैयार नहीं थे। बाद में इसे रद्द कर दिया गया था। यानी तकनीकी तौर पर यह दूसरी डिबेट ही है। राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को है।
इन 6 मुद्दों पर बहस होगी
कोविड-19, अमेरिकी परिवार, अमेरिका में नस्लवाद, क्लाइमेट चेंज, नेशनल सिक्योरिटी और लीडरशिप।
पहला मुद्दा कोरोनावायरस ही रहा। बाइडेन इसी मुद्दे को भुनाना चाहते हैं। उन्होंने ट्रम्प पर शुरुआती हमला बोला।
बाइडेन: एक ऐसा व्यक्ति जिसकी वजह से लाखों अमेरिकी नागरिकों की जान गई हो। जो महामारी का जिम्मेदार हो। उसे राष्ट्रपति पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। ट्रम्प के पास इस महामारी से निपटने का कोई प्लान ही नहीं था। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अगर हम सत्ता में आए तो सभी को मास्क पहनना होगा। इसके अलावा टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी।
ट्रम्प: आप गलत और बिना जानकारी के आरोप लगा रहे हैं। हमने हर मुमकिन कोशिश की। अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया का हर देश इस महामारी की चपेट में है। कुछ ही हफ्तों में हम वैक्सीन लेकर आ रहे हैं।महामारी की वजह से हम अमेरिका को बंद नहीं कर सकते। आपकी तरह बेसमेंट में छिपना हमें मंजूर नहीं।
बाइडेन का आरोप: अगर मास्क पहनना जरूरी किया गया होता तो 10 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती थी। मेरे पास इससे निपटने का प्लान है। ट्रम्प कोरोना टास्क फोर्स के चीफ डॉ. एंथोनी फौसी की बात ही नहीं मानते। क्या वे उनसे बड़े एक्सपर्ट हैं?
ट्रम्प का जवाब: यह कैसा डर है कि हमने दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर इकोनॉमी को ही बंद कर दिया। ऐसी बीमारी जिसे चीन ने फैलाया। पहली की तुलना में डेथ रेट कम हुआ है। लॉकडाउन का फैसला राज्यों को करना है, केंद्र को नहीं। वैक्सीन अब तैयार है। साल के अंत तक बाजार में होगी। मैं संक्रमित हुआ तो बहुत कुछ सीखा। मैं सबकी बात सुनता हूं। लेकिन, मुझे लगता है कि डॉ. फौसी डेमोक्रेट हैं, लेकिन जाने दीजिए। इससे फर्क नहीं पड़ता।
आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/31zIOrF