देश में एयर पॉल्यूशन का मुद्दा पुराना नहीं है। दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्य हमेशा अपने एयर पॉल्यूशन लेवल को लेकर सुर्खियों में रहते हैं। पिछले दिनों ही वायु प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिवाली से पहले कई जगहों पर पटाखों को बैन कर दिया था।
लेकिन अब मानो ये हमेशा की समस्या बन गई है। दिनोंदिन जहरीली होती हवा के चलते लगता है कि एयर प्यूरीफायर अब हर घर की जरूरत बन गया है। पिछली सीरीज में हमने आपको पांच पॉपुलर एयर प्यूरीफायर के बारे में बताया था। अगर आप एयर प्यूरीफायर खरीदने जा रहे हैं तो आपको किन बातों का ध्यान रखना है, यहां हम उन्हीं के बारे में बता रहे हैं....
1. किस आकार के कमरे में यूज करना है
एयर प्यूरीफायर खरीदने से पहले इस बात को सबसे पहले यह देखने की जरूरत है कि इसे किस आकार के कमरे में इस्तेमाल करना है। बेडरूम या स्टडी के लिए प्यूरीफायर लेना चाहते हैं तो शुरुआती स्तर की मशीनों से काम चल जाएगा। बड़े साइज के कमरे के लिए आपको बड़ा प्यूरीफायर चाहिए तो यह थोड़ा महंगा पड़ेगा क्योंकि हो सकता है आपको एक से ज्यादा प्यूरीफायर लेना पड़ जाए। हालांकि, लगभग सभी प्यूरीफायर में इस बात का जिक्र होता है कि वे कितने क्षेत्रफल में कारगर तरीके से काम कर सकते हैं। इसलिए खरीदने से पहले ये जरूर देख लें।
2. प्यूरीफायर का सीएडीआर (CADR) लेवल कितना है
सीएडीआर का मतलब है, क्लीन एयर डिलीवरी रेट। एयर प्यूरीफायर कितना कारगर है, यह इसे मापने का अंतरराष्ट्रीय पैमाना है। इसे कमरे के क्षेत्रफल के आधार पर कैलकुलेट किया जाता है। इससे पता चलता है कि प्यूरीफायर कितनी जल्दी किसी कमरे की हवा को साफ कर देगा।
3. प्यूरीफायर में कौनसा फिल्ट्रेशन सिस्टम है
फिल्ट्रेशन सिस्टम प्यूरीफायर का सबसे अहम हिस्सा है। एंट्री लेवल के ज्यादातर प्यूरीफायर तीन लेयर वाले फिल्टर सिस्टम के साथ आते हैं। इसमें प्री-फिल्टर, हेपा फिल्टर और कार्बन फिल्टर शामिल हैं। ये प्रदूषकों यानी पॉल्यूटेंट, धूल के कणों और गंध को हटाने का काम करते हैं। कुछ प्यूरीफायर में ये तीनों एक ही फिल्टर यूनिट में जुड़े होते हैं। अन्य में ये तीनों अलग-अलग होते हैं। इन्हें अलग-अलग बदला जा सकता है।
4. पॉल्यूशन इंडिकेटर
एंट्री लेवल के ज्यादातर प्यूरीफायर बेसिक एलईडी इंडिकेटर सिस्टम से लैस होते हैं। ये एयर क्वालिटी के बारे में बताते हैं। कई प्यूरीफायर के नए मॉडलों में डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम भी आ रहा है। जो तमाम तरह की जानकारियां डिस्प्ले में दर्शाते हैं, जैसे- कमरे में हवा की क्वालिटी का वास्तविक स्तर क्या है। इससे आपके लिए पता लगाना आसान हो जाता है कि कब प्यूरीफायर को मैक्सिमम लेवल पर चलाना है और लो-लेवल पर रखना है।
5. साथ में रिमोट कंट्रोल है या नहीं
ज्यादातर एयर प्यूरीफायर रिमोट कंट्रोल के साथ नहीं आते हैं, खासतौर से किफायती मॉडल। इसलिए हर बार मोड बदलने या फंक्शन इनेबल/डिसेबल करने के लिए आपको खुद उठना होगा। यही कारण है कि हम आपको इस तरह का प्यूरीफायर खरीदने की सलाह देते हैं जो रिमोट कंट्रोल के साथ आता हो। कुछ स्मार्ट एयर प्यूरीफायर वाईफाई से कनेक्ट हो जाते हैं। इन्हें आप ऐप से भी कंट्रोल कर सकते हैं, बशर्ते आपका बजट ज्यादा हो।
6. फिल्टर रिप्लेसमेंट की क्या सुविधा है
हवा को साफ करने के लिए एयर प्यूरीफायर पूरी तरह से फिल्टरों पर निर्भर रहते हैं। ज्यादातर फिल्टर कुछ महीने ही चलते हैं। इन्हें नए फिल्टरों से रिप्लेस करना पड़ता है। अच्छा यह है कि फिल्टरों को बदलने की लागत का पहले से ही पता लगा लिया जाए, वरना बाद में यह खर्चा भारी लगेगा।
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