2021 में अलग-अलग सेक्टर्स का क्या हाल रहेगा? उनके सामने क्या चुनौतियां हैं और इनमें क्या बड़े बदलाव हो सकते हैं? नए साल के मौके पर हम इन मुद्दों पर जाने-माने विशेषज्ञों की राय आपके सामने ला रहे हैं। तो आइये आज जानते हैं, देश में नौकरियों को लेकर Freshersworld.com & TeamLease.com के वाइस प्रेसिडेंट और बिजनेस हेड कौशिक बनर्जी क्या कहते हैं...
नौकरियों के लिहाज से 2020 अनिश्चितताओं भरा साल रहा। 2008 की मंदी के दौरान 5 लाख नौकरियां गई थीं, मगर 2020 में महामारी के चलते 3 करोड़ नौकरियां चली गईं।
CMIE के कंज्यूमर पिरामिड हाउसहोल्ड सर्वे के मुताबिक, अकेले नवंबर 2020 में 35 लाख लोगों को नौकरियां गंवानी पड़ीं। अब जब नए साल में जनवरी से ही कोरोना के खिलाफ टीकाकरण अभियान शुरू होने को है, माना जा सकता है कि 2021 नौकरियों के लिहाज से अच्छा गुजरेगा।
अगर फ्रेशर्स की बात करें, तो उनके लिए हालात अभी अनिश्चित है। ऐसे ज्यादातर फ्रेशर्स को अपनी जॉब गंवानी पड़ी, जिन्हें हायर तो 2019 में किया गया था, मगर उन्हें ज्वाइन 2020 में करना था। वे कभी ज्वाइन नहीं कर सके। इनमें से ज्यादातर ने सितंबर-नवंबर 2020 के बीच में अपने टर्मिनल एग्जाम भी पूरे कर लिए।
2020-21 की तीसरी तिमाही यानी अक्टूबर से दिसंबर के बीच हायरिंग में पहली और दूसरी तिमाही यानी अप्रैल से सितंबर के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। अब आखिरी तिमाही यानी जनवरी से मार्च के बीच हायरिंग 3 गुना बढ़ने की उम्मीद है।
फिनटेक, एडुटेक, ऑटो और BPO जैसे सेक्टर्स में नौकरियां
आईटी, ई-कॉमर्स, फिनटेक (फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी), एडुटेक (एजुकेशन टेक्नोलॉजी) जैसे रेगुलर सेक्टर्स के अलावा ऑटो सेक्टर में इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल सेगमेंट, BPO, रीटेल में फ्रंट ऑफिस और रिसेप्शनिस्ट, फील्ड सेल्स, एकाउंटेंट की जॉब्स में पिछले तीन महीनों के दौरान अच्छी बढ़ोतरी हुई है। इन जॉब्स में 60% से 75% के बीच औसत बढ़ोतरी के साथ 300% की अधिकतम बढ़ोतरी दर्ज की गई।
जिनसे उम्मीद नहीं, ऐसे शहरों में नौकरियों के ऑफर
विजयवाड़ा, मैसूर, कोच्चि, कोयम्बटूर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, जयपुर, गुवाहाटी, इंदौर, पटना, लुधियाना, भुवनेश्वर और बिशाखापत्तनम जैसे शहरों में नौकरियां बढ़ी हैं, जहां से आमतौर पर ऐसे ऑफर नहीं आते।
ई-लर्निंग से स्किल्स में कर रहे इजाफा
अप्रैल 2020 से तमाम लोग स्किलिंग और री-स्किलिंग में जुटे हैं। यानी लोग अपने स्किल्स में तेजी से इजाफा कर रहे हैं। आज कई ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म मुफ्त या बेहद रियायती कीमतों पर स्किल बढ़ाने वाले कोर्स करा रहे हैं।
कंपनियों में जॉब्स का बेसब्री से इंतजार कर रहे फ्रेशर्स दोनों हाथों से ऐसे कोर्सेस के ऑफर को लपक रहे हैं। दूसरी तरफ ज्यादातर कंपनियों के L&D departments (learning and development) सभी स्तरों पर अपने मौजूदा वर्कफोर्स के स्किल्स बढ़ाने में व्यस्त हैं।
इंडस्ट्रीज जिनमें लोग इंडस्ट्री ओरिएंटेड कोर्स और सर्टिफिकेट कोर्स कर रहे हैं…
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आईटी- नए दौर की प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Phython के साथ डेटा साइंस, एनालिटिक्स, ML(मशीन लर्निंग) और AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) में अपने स्किल्स डेवलप कर रहे हैं।
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कोर इंजीनियरिंग- सिविल मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल
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एविएशन और टूरिज्म
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लॉजिस्टिक्स
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कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इलेक्ट्रॉनिक्स/सेमिकंडक्टर
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टेक्सटाइल और फैशन
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टेलीकॉम
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BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेस और इंश्योरेंस)
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एग्रीकल्चर
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हेल्थ-केयर, फार्मा और लाइफ साइंसेस
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ऑटोमोबाइल्स और इलेक्ट्रॉनिक व्हीकल
सरकार की मदद से अप्रेंटिसशिप में आएगी तेज उछाल
दो प्रमुख वजहों से अप्रेंटिसशिप में उछाल आने की उम्मीद है। पहला- मिनिस्ट्री ऑफ स्किल एंड आंत्रप्रिन्योरशिप डेवलपमेंट (एमएसडीई) ने 2.4 लाख अप्रेंटिस के लिए फुल स्टाइपेंड का प्रावधान किया है। इसके लिए 36 करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं। दूसरा-राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में अप्रेंटिसशिप आधारित रोजगार के अवसर पैदा करने पर खासतौर पर फोकस किया गया है।
असंगठित क्षेत्र को खड़ा करने के लिए सख्त कानून जरूरी
कोरोना के दौर में असंगठित क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ और आज भी उनका वही हाल है। भारी संख्या में प्रवासी मजदूरों का अपने शहर और गांवों की ओर पलायन बेहद पीड़ादायक था। उन्हें जल्द वापस लौटाना एक बड़ा काम है। उन्हें सरकार और नौकरी देने वालों के मजबूत आश्वासन की जरूरत है। ऐसे में उन्हें राहत देने वाले कानूनों के साथ कठोरता से उन्हें लागू किया जाना, इस मामले में बड़ी मदद कर सकता हैं।
कहा जा सकता है कि असंगठित क्षेत्र खुद को संभालने और नौकरियां देने के लिए नए रास्ते तलाश रहा है।
असंगठित क्षेत्र में भी ई-कॉमर्स दे रहा कई अवसर
ई-कॉमर्स से जुड़े अनौपचारिक क्षेत्र में भारी मांग देखी गई। डिलिवरी, स्किल्ड और सेमी-स्किल्ड वर्कफोर्स को बहुत सारे अवसर मिले हैं और यहां लगातार मांग बनी हुई है। Teamlease.com जैसे पोर्टल पर पिछले साल के मुकाबले असंगठित क्षेत्र में नौकरियों के दोगुने ऑफर पोस्ट किए जा रहे हैं। अगर लॉकडाउन के महीनों से तुलना करें, तो नौकरियों के यह ऑफर पांच गुना है।
कुल मिलाकर 2021 नौकरियों के मामले में पॉजिटिविटी लाने वाला साल रहेगा। खासतौर पर फ्रेशर्स के लिए। वित्त वर्ष 2021-22 की दूसरी और तीसरी तिमाही यानी जुलाई से दिसंबर के बीच स्थितियां सामान्य होने की उम्मीद है। इसलिए यह कहना ठीक होगा कि 2021 नई नौकरियों के लिहाज से अच्छा रहेगा।
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