केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने 2021-22 सत्र की 10वीं और 12वीं की बोर्ड की परीक्षाओं के लिए विशेष मूल्यांकन योजना घोषित की. इसके तहत 2021 बैच के लिए बोर्ड परीक्षा दो अवधि में आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रत्येक अवधि में 50 प्रतिशत सिलेबस होगा. मिली जानकारी के अनुसार, पहली अवधि की परीक्षाएं नवंबर-दिसंबर में आयोजित की जाएंगी और दूसरे टर्म के एग्जाम मार्च और अप्रैल में होंगे.
सीबीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि शैक्षणिक सत्र 2021-22 के पाठ्यक्रम को विषय विशेषज्ञों द्वारा अवधारणाओं और विषयों के परस्पर संबंध को देखते हुए एक व्यवस्थित दृष्टिकोण का पालन करते हुए दो अवधि में विभाजित किया जाएगा. बोर्ड प्रत्येक सत्र के अंत में द्विभाजित पाठ्यक्रम के आधार पर परीक्षा आयोजित करेगा.
यह शैक्षणिक सत्र के अंत में बोर्ड द्वारा 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित करने की संभावना को बढ़ाने के लिए किया जाता है.
बताते चलें कि दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है, जिसमें CBSE और अन्य को 10वीं और 12वीं के छात्रों का परीक्षा शुल्क वापस करने का आदेश देने की मांग की गई है. कोरोना महामारी के चलते सीबीएसई की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द कर दी गईं. याचिका में छात्रों से वसूले गए परीक्षा शुल्क को वापस करने की मांग की गई है.
याचिका में कहा गया है कि परीक्षाएं रद्द होने की दिशा में छात्रों से 10वीं और 12वीं के परीक्षा शुल्क के रूप में एकत्र किए गए पैसे को रखना पूरी तरह अनुचित है. याचिका में यह भी कहा गया है कि एग्जाम फीस के रूप में CBSE को करोड़ों रुपये प्राप्त हुए हैं. याचिकाकर्ता ने कहा है कि जब परीक्षा रद्द करने से इसके मदों में कोई खर्च नहीं किया गया है तो केंद्र और सीबीएसई को परीक्षा शुल्क के रूप में ली गई रकम को वापस करना चाहिए.
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