पंजाब के बाद हरियाणा कांग्रेस में कलह! क्या बदलेगा पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष?


कांग्रेस की पंजाब और राजस्थान इकाइयों में कलह की स्थिति अभी थमी भी नहीं थी कि पार्टी की हरियाणा इकाई (Haryana Congress) में गुटबाजी बढ़ गई है क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupinder Singh Hooda) के समर्थक विधायक व नेता प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से कुमारी सैलजा को हटाने की मांग कर रहे हैं. वह अपने नेता हुड्डा को किसी बड़ी भूमिका में देखना चाहते हैं. आज (मंगलवार) 19 विधायकों ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की.

इससे पहले शुक्रवार को विधायकों की दिल्ली में पार्टी के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल के साथ बैठक हुई थी. कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि विधायक राज्य में मजबूत नेतृत्व चाहते हैं. वे कुमारी शैलजा को हटाने की मांग और साथ ही भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बड़ी जिम्मेदारी देने की पैरवी कर रहे हैं.

विधायकों ने कहा कि उन्हें कुमारी शैलजा के साथ-साथ संगठन द्वारा भी नजरअंदाज किया जा रहा है. उन्होंने यह भी मुद्दा उठाया कि पार्टी के पास पिछले 8 वर्षों से जिला इकाई के प्रमुख नहीं हैं, जो पार्टी के जमीनी स्तर के विस्तार में मुश्किल पैदा कर रहा है.

कुमारी शैलजा ने यह कहते हुए बैठक को महत्व नहीं दिया कि विधायक किसी भी समय पार्टी प्रभारी से मिल सकते हैं. उन्होंने कहा, 'अगर विधायक जाकर पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रभारी से मिल कर कुछ कहते हैं तो मुझे कोई अनुशासनहीनता नहीं दिखती. ये उनका हक है. बंसल साहब ने बाद में स्पष्ट किया कि बैठक किस बारे में थी.'

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी के प्रदेश प्रभारी विवेक बंसल के साथ बृहस्पतिवार को हुई बैठक में शामिल 19 विधायकों में से ज्यादातर ने प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन की मांग की और हुड्डा को प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपने की पैरवी की. हुड्डा फिलहाल विधायक दल के नेता हैं. हरियाणा में कांग्रेस के 31 विधायक हैं.


इस पूरे मामले में कुमारी शैलजा के समर्थकों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री और इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) के नेता ओमप्रकाश चौटाला की जेल से रिहाई के बाद हुड्डा गुट अपनी सक्रियता बढ़ाने की कोशिश में है ताकि जाट समुदाय के बीच पकड़ को बनाए रखा जा सके.

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