नए कोविड वेरिएंट Omicron का देश में अभी कोई मामला नहीं : सरकार ने संसद में दी जानकारी


देश में अब तक Omicron (ओमिक्रोन) का एक भी मामला नहीं आया है. आगे इसका कोई मामला नहीं आये उसका भी पूरा प्रयास किया जा रहा है. केंद्र सरकार ने यह जानकारी मंगलवार को संसद में दी. राज्यसभा में स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, देश में अब तक ओमिक्रोन का एक भी केस नहीं मिला है. आगे इसका कोई मामला नहीं आये, इसके लिए पूरे प्रयास किए जा रहे हैं. स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने जोर देकर कहा कि कोविड कंट्रोल में है, लेकिन यह पूरी तरह गया नहीं है. 124 करोड़ डोज अब तक लग चुके हैं. गौरतलब है कि इस वेरिएंट का सबसे पहले दक्षिण अफ्रीका में पता चला था, इसके बाद से दक्षिण अफ्रीका, नीदरलैंड, बोत्सवाना, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, डेनमार्क, इजरायल, बेल्जियम, चेक गणराज्य, इटली, जर्मनी और हांग कांग जैसे देशों में इसके मामले सामने आ चुके हैं.  बेहद संक्रामक माने जाने वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर पूरी दुनिया 'अलर्ट' मोड पर है.

Omicron के कई देशों में फैलने से बढ़ती चिंताओं के बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने मंगलवार को राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के साथ एक समीक्षा बैठक की और उन्हें मामलों की शीघ्र पहचान और प्रबंधन के लिए जांच बढ़ाने की सलाह दी.  राज्यों को सुझाव दिया गया है कि अंतराष्ट्रीय यात्रियों पर कड़ी निगरानी रखें और At Risk कैटेगरी के देशों से आने वाले हर यात्री का एयरपोर्ट पर आरटी पीसीआर टेस्ट हो. सभी पॉजिटिव सैंपल को insacog भेजें. साथ ही उनकी कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और पॉजिटिव यात्रियों को 14 दिनों तक फॉलोअप किया जाए.इसके साथ ही जिलों में टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने को भी कहा गया है.

वास्‍थ्‍य मंत्रालय की ओर से दी गई समझाइश में यह भी कहा गया कि हॉटस्पॉट या मामलों के क्लस्टर बन रहे इलाकों के सभी पॉजिटिव सैंपल Insacog लैब भेज जाएं.. यह भी कहा गया है कि At risk देशों से आए यात्रियों की निगरानी सही तरीके से हो. अस्पताल इंफ्रा को दुरुस्त रखने की जरूरत भी इस दौरान बताई गई. हर घर दस्तक अभियान 31 दिसंबर तक है, जिसमें दूसरी डोज के लिए रह गए लोगों का टीकाकरण मुमकिन हो पाए.  साथ ही 100% पहला डोज सुनिश्चित किया जाए. राज्य ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन और एयरपोर्ट हेल्थ ऑफिस से तालमेल बनाकर रखें.केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि भूषण ने यह रेखांकित करते हुए कि ऐसा नहीं है कि नया स्वरूप आरटी-पीसीआर और आरएटी जांच से पकड़ में नहीं आ सकता है, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को पर्याप्त बुनियादी ढांचा और निगरानी वाले घरेलू पृथक-वास सुनिश्चित करने के लिए कहा. चिंता वाले स्वरूप (वीओसी) से देश को उत्पन्न होने वाले संभावित खतरे को देखते हुए मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को गहन रोकथाम, सक्रिय निगरानी, ​​जांच बढ़ाने, अधिक संक्रमितों वाले क्षेत्रों की निगरानी, ​​टीकाकरण बढ़ाने और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे में वृद्धि सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए कहा है.

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