सरकार की "नाकाम कवायद" : टीएमसी सांसद ने संसद में गतिरोध खत्म करने की पहल पर दी प्रतिक्रिया


संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्षी दलों के बीच चल रहे गतिरोध को खत्म करने के प्रयास तेज हो गए हैं. 12 सांसदों के निलंबन को लेकर संसद में लगातार हंगामा हो रहा है. सूत्रों ने कहा, राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्षी दलों को बातचीत करने के लिए कहा है और इस मुद्दे पर पर्दे के पीछे बातचीत हो रही है ताकि संसद के शीतकालीन सत्र में गतिरोध को खत्म किया जा सके. हालांकि संसद में चल रहे गतिरोध को हल करने की यह कवायद बीच में ही अटक सकती है. तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन के ट्वीट से ऐसे संकेत मिले हैं. विपक्षी दलों ने संकेत दिया है कि वो 12 निलंबित सांसदों की बहाली की अपनी मांग को लेकर पीछे नहीं हटेंगे. उनका कहना है कि इन सांसदों को गलत तरीके से सजा दी गई.

सूत्रों ने कहा, राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने सरकार और विपक्षी दलों को बातचीत करने के लिए कहा है और इस मुद्दे पर पर्दे के पीछे बातचीत हो रही है ताकि संसद के शीतकालीन सत्र में गतिरोध को खत्म किया जा सके. विपक्षी दल सोमवार को मिलकर अपनी रणनीति तय करने वाले हैं. हालांकि राज्यसभा में तृणमूल सांसद डेरेक ओब्रायन ने संकेत दिया है उभरते मतभेदों के बावजूद इस मुद्दे पर पार्टी कांग्रेस के साथ समन्वय कर सकती है.

पिछले हफ्ते सोनिया गांधी ने शीतकालीन सत्र को लेकर साझा रणनीति बनाने के लिए जो बैठक बुलाई थी, उससे टीएमसी नदारद थी. कांग्रेस के अलावा उस बैठक में पांच अन्य दल, एनसीपी, सीपीएम, शिवसेना, नेशनल कान्फ्रेंस और डीएमके ने हिस्सा लिया था. हालांकि तृणमूल कांग्रेस की अनुपस्थिति के लिए कोई वजह नहीं बताई गई. हालांकि राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने चार विपक्षी दलों को भेजे गए न्योते को लेकर संसदीय कार्य मंत्री को पत्र लिखा है.

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने लिखा, 12 सांसदों के निलंबन के खिलाफ सभी विपक्षी दल एकजुट हैं. हम 29 नवंबर से अनुरोध कर रहे हैं कि राज्यसभा चेयरमैन या सदन के नेता पीयूष गोयल सभी विपक्षी दलों के साथ एक बैठक बुलाएं, ताकि गतिरोध को खत्म किया जा सके.लेकिन इस पर कुछ नहीं किया गया. ऐसे में सभी विपक्षी दलों को बुलाने की बजाय चार दलों को बुलाना अन्यायपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है.

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